उज्जैन। राजस्थान के नागौर में हुए हादसे में मृत लोगों के शव बुधवार को उज्जैन पहुंच गए। शव जैसे ही दौलतपुर और सजनखेड़ा गांवों में पहुंचे, तो चीख-पुकार मच गई। परिवार वाले बदहवास हो गए। गांव वालों की आंखें नम हो गई। गांव में अंतिम संस्कार की पहले ही तैयारी कर ली गई थी। सजन खेड़ा में एक साथ 6 चिताएं जलीं। वहीं दौलतपुरा में पति-पत्नी का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया है। दौलतपुर में एक ही परिवार के तीन तो सजनगढ़ में एक ही परिवार के चार और दो अन्य परिवारों के सदस्यों के शव लाए गए थे। दो शवों को आगर और एक को तराना पहुंचाया गया।

बता दें कि उज्जैन के दो गांवों से 40 लोग राजस्थान के धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए दो गाड़ियों से गए थे। इसमें से 18 लोगों से भरी तूफान जीप को राजस्थान में नागौर स्थित श्रीबालाजी के पास मंगलवार सुबह ट्रेलर ने टक्कर मार दी। इसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी, 6 लोग घायल हो गए थे।

राजस्थान में मृतकों का पीएम करने के बाद शवों को शाम को रवाना किया गया। सभी 12 मृतकों के शव बुधवार दोपहर करीब 1 बजे गांव पहुंचे। एएसपी आकाश भूरिया ने बताया कि सफर करीब 750 किमी लंबा था और एंबुलेंस में शव रखे थे, इस वजह से गाड़ियों को धीमी गति से ही लाया गया। एंबुलेंस आने के पहले ही मृतकों के परिजनों के यहां ग्रामीणों व रिश्तेदारों का आना शुरू हो गया था। साथ ही अंतिम संस्कार की भी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। दौलतपुर में केशर बाई और उसके पति बाबूलाल का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया गया है।
 

छह का चल रहा है इलाज
दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी में घायल हुए छह अन्य मरीजों का उपचार वहीं अस्पताल में किया जा रहा है। उनके उपचार को लेकर कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि हम लगातार वहां के प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम के संपर्क में हैं। छह में से तीन को चोट अधिक लगी है, लेकिन उनकी स्थिति खतरे से बाहर है, जबकि तीन को मामूली चोटें आई हैं। सभी का उपचार डॉक्टरों की निगरानी में किया जा रहा है।

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