शहीद जवानों को दी गई अंतिम विदाई, मुख्यमंत्री ने दिया कंधा

दंतेवाड़ा के अरनपुर में हुए नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रद्धांजलि दी और शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को कंधा दिया। जिला मुख्यालय में परिजनों से मुलाकात संवेदना व्यक्त की। शहीद जवानों को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। शहीदों को अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण यहां पहुंचे हुए थे।

मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा कि हमारे जवानों ने नक्सलियों से लड़ते हुए शहादत दी है। उनकी ये शहादत बेकार नहीं जाएगी। नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई अब और तेज होगी। उन्होंने कहा कि हमारे जवान नक्सलियों के मांद में घुसकर कार्रवाई कर रहे हैं। जवान दो नक्सलियों को पकड़कर ला रहे थे। इसमें से एक नक्सली घायल था। दो साल बाद आईईडी ब्लास्ट हुआ है। इस इलाके में नागरिक सुविधाएं बढ़ी हैं। जवानों ने दंतेवाड़ा से 65 किलोमीटर जाकर ऑपरेशन किया। उन्होंने कहा कि लगातार नक्सलियों का दायरा घटता जा रहा है।

इंटेलिजेंस फेलियर पर कहा कि कोई इंटेलिजेंस फेलियर नहीं है। डीआरजी के जवानों को हमेशा आगे कर दिया जाता है। सीआरपीएफ खुद कम निकलती है, क्या इस पर केंद्र में बात करेंगे। इस सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा कि सीआरपीएफ को भी सर्चिंग अभियान बढ़ाना चाहिए, इसके लिए बात करेंगे।

दरभा कमेटी ने ली हमले की जिम्मेदारी

नक्सलियों की दरभा डिविजन कमेटी ने प्रेस नोट जारी कर अरनपुर हमले की जिम्मेदारी ली है। प्रेस नोट में अरनपुर हमले को राज्य सरकार के हमलों का जवाब बताया गया है। 

गांव में अंतिम संस्कार नहीं करने की धमकी दी

दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने हमले के बाद फरमान जारी किया है कि शहीद जवानों का अंतिम संस्कार गांव में नहीं होने देंगे। कटेकल्याण के गांव मारजुम और गादम में जवानों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। यदि ऐसा किया गया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

नक्सलियों के इस फरमान से भयभीत दो शहीद जवानों के परिजन पार्थिव शरीर लेने दंतेवाड़ा नहीं पहुंचे। इतना ही डर की वजह से श्रद्धांजलि सभा में भी परिजन नहीं पहुंचे। ऐसे में बताया जा रहा है कि पुलिस मुख्यालय में ही दोनों जवानों का अंतिम संस्कार किया जाएगा।