भोपाल।  कोरोनावायरस के कारण लोअर मिडल क्लास और मिडिल क्लास लोगों की हालत बेहद खराब है। नौकरी और सैलरी अब जान से ज्यादा जरूरी होती जा रही है, क्योंकि लोगों की सेविंग खत्म हो गई है। सेविंग के साथ-साथ सहनशक्ति भी खत्म हो गई है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक सिक्योरिटी गार्ड ने अपने सुपरवाइजर की गोली मारकर हत्या कर दी क्योंकि सुपरवाइजर ने उसे 27000 के बजाय ₹15000 सैलरी दी थी।

सुपरवाइजर से विवाद होते ही सिक्योरिटी गार्ड ने दो फायर किए
गणेश नगर, नारियलखेड़ा निवासी 52 वर्षीय राजकुमार ठाकुर सेना से नायब सूबेदार के पद से रिटायर्ड हैं एवं सर्वोदय सिक्योरिटी एजेंसी में सुपरवाइजर के पद पर थे। उनकी ड्यूटी एमपी नगर में यूनियन बैंक के पास निर्माण सदन में थी। उनके साथ महेंद्र कुमार तिवारी बतौर सिक्योरिटी गार्ड पदस्थ था। महेंद्र कुमार तिवारी भी सेना से सेवानिवृत्त है। गुरुवार सुबह 9:20 बजे सुपरवाइजर निर्माण सदन पहुंचा। दोनों के बीच विवाद हुआ और महेंद्र तिवारी ने राजकुमार ठाकुर के सीने को टारगेट करके दो फायर किए।

मात्र 5 फुट की दूरी से गोली मारी, बंदूक भरकर बैठा था
घायल राजकुमार ठाकुर को तत्काल जेपी हॉस्पिटल लेकर जाया गया परंतु मात्र 5 फुट की दूरी से गोली लगने के कारण राजकुमार ठाकुर की मौत हो चुकी थी। ठाकुर मूलत: नेपाल के रहने वाले थे। उनके एक बेटा, दो बेटियां हैं। बेटा अजीत इंफोसिस साफ्टवेयर कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर है। सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग के अनुसार दोनों के बीच लगभग 3 मिनट तक बहस होती रही। इसके बाद सिक्योरिटी गार्ड ने फायर कर दिया। पहली गोली में सुपरवाइजर ढेर हो गए थे। उसमें दूसरा फायर किया और भागने की कोशिश की लेकिन एक्सीडेंट हो गया।

सुपरवाइजर ने सैलरी काट ली थी इसलिए गोली मार दी
एएसपी जोन-2 राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि पता चला कि दोनों के बीच पुराना कोई विवाद नहीं था। गुरुवार को दोनों के बीच ड्यूटी को लेकर विवाद हुआ। साथी सिक्योरिटी गार्ड ने बताया कि महेंद्र कुमार तिवारी को लगभग ₹27000 सैलरी मिलती थी लेकिन इस महीने उनके खाते में मात्र ₹15000 सैलरी आई थी। तिवारी का कहना था कि सुपरवाइजर ठाकुर ने जानबूझकर उनकी सैलरी काट दी। तिवारी पहले ओवरटाइम करते थे लेकिन सुपरवाइजर ठाकुर उन्हें ओवरटाइम नहीं दे रहा था।

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