इंदौर । इंदौर में तीन लोगों को सामूहिक दुष्कर्म के झूठे मामले में फंसाया जा रहा था। पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पाया कि तीन लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का यह मामला झूठा है। इस मामले में जब सच्चाई का पता चला तो पुलिस भी हैरान रह गई। यह सारी साजिश पैसे ऐंठने के लिए की गई थी। दरअसल, जिन आरोपियों ने लड़की का सामूहिक दुष्कर्म किया था उन्होंने ही निर्दोष तीन लोगों को मामले में फंसाया था। फिलहाल मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है। चलिए बताते हैं कि पूरा मामला क्या है।

पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को खुलासा किया कि सामूहिक दुष्कर्म का यह मामला झूठा है। दरअसल, तीन लोगों से पैसे वसूलने के लिए आरोपियों ने यह साजिश रची थी। इस सिलसिले में दो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि 15 साल की लड़की ने सोमवार रात आरोप लगाया था कि शहर के निपानिया क्षेत्र में तीन लोगों ने उसके साथ कार में सामूहिक दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं लड़की ने यह भी आरोप लगाया कि दुष्कर्म के बाद तीनों ने उसे शराब की एक दुकान के पास झाड़ियों में फेंक दिया और फरार हो गए।

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अभिषेक आनंद ने बताया, ‘‘जब हमने एक महिला उप निरीक्षक के जरिये लड़की को भरोसे में लेकर बात की तो पाया कि तीन लोगों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का आरोप सही नहीं है।” उन्होंने कहा कि लड़की के साथ दो अन्य लोगों ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया था।

डीसीपी के मुताबिक, इन्हीं दो लोगों ने लड़की को इस बात के लिए राजी किया था कि वह पुलिस थाने में तीन व्यक्तियों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार की झूठी शिकायत करे ताकि इसके आधार पर उनसे पैसा ऐंठा जा सके। आनंद ने बताया कि नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और पैसे की वसूली के लिए आपराधिक साजिश रचने में शामिल दो आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) के संबद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। फिलहाल दोनों आरोपियों की तलाश की जा रही है।