राजगढ़ । मध्यप्रदेश के राजगढ़ में 17 वर्षीय नाबालिग के फांसी लगाने का मामला सामने आया है। 14 साल की उम्र में उसकी शादी कर दी गई थी। वह अपने ससुराल नहीं जाना चाहती थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं चाइल्ड लाइन की टीम ने इस बाल विवाह का दुष्परिणाम बताया है और लड़का-लड़की दोनों पक्षों को दोषी ठहराया है।
बता दें कि राजगढ़ जिले में प्रतिवर्ष वैवाहिक सीज़न में बाल विवाह को रोकने व ग्रामीणों की समझाइश के लिए शासकीय अधिकारी व कर्मचारियों की टीमों का गठन किया जाता है, ताकि बाल विवाह न हो सकें और न ही उसके दुष्परिणाम सामने आए। फिर भी राजगढ़ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों मे बाल विवाह के मामले सामने आते रहे हैं। ऐसा ही मामला राजगढ़ जिले के कालीपीठ थाना क्षेत्र के देहरिजागीर गांव का है, जहां रहने वाली 17 वर्षीय कविता बाई पिता नवल सिंह तंवर गुरुवार को सिर्फ इसलिए फांसी के फंदे पर झूल गई क्योंकि वह अभी ससुराल नहीं जाना चाहती थी, और उसे उसके सुसराल वाले उसे ले जाना चाहते थे।
कालीपीठ थाना प्रभारी रजनीश सिरोठिया के अनुसार पुलिस को मृतक नाबालिग लड़की के परिजनों ने बताया है कि उन्होंने कविता बाई की शादी तीन साल पूर्व राजस्थान के गांव में की थी, जिसे उसके ससुराल वाले लेने के लिए आ रहे थे, लेकिन वह जाना नहीं चाह रही थी। ऐसे में उसने गांव में स्थित नीम पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। थाना प्रभारी ने कहा कि उक्त मामले में मर्ग क्रमांक 11/23 पंजीबद्व कर मामला जांच में लिया गया है, जांच के पश्चात जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। चाइल्ड लाइन टीम के मनीष दांगी का कहना है कि इस मामले में यदि बात की जाए तो लड़की और लड़के के परिजन दोनों ही दोषी हैं, क्योंकि कम उम्र में बच्चो की शादी करना कानूनन अपराध है।