हरदा। मध्यप्रदेश के हरदा में मंगलवार सुबह एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए जोरदार विस्फोट के बाद पूरा शहर दहल गया। वहीं, इसकी गूंज प्रदेश सहित केंद्र तक देखी गई, जिस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने भी ट्वीट कर हादसे पर दुख जताते हुए घायलों की मदद का भरोसा दिलाया।

वहीं, इस ब्लास्ट में घायल हुए पटाखा फैक्ट्री के कर्मचारियों के मुताबिक, ब्लास्ट इतना जोरदार था कि करीब एक से डेढ़ किलोमीटर तक जब वे जान बचाकर भाग रहे थे। रास्ते में विस्फोट के चलते कई सारी चीजें उड़कर लोगों को लग रही थीं, जिससे वे कट रहे थे, तो कई सारे घरों के टीन तक उड़ गए थे और रास्ते में रखी गाड़ियों के कांच फूट गए थे।

वहीं, इस ब्लास्ट में घायल हुई पटाखा फैक्ट्री की ही एक महिला कर्मचारी रुखसार बानो ने ब्लास्ट की आप बीती सुनाते हुए बताया कि अचानक से आवाज आई, बहुत जोर से ब्लास्ट होने की तो हम सब लोग एकदम से भगदड़ मचाए, सब बोले भागो-भागो। फिर हम लोग भागने लग गए और कंपनी से बाहर तो हम निकल गए थे। मगर धमाका बहुत तेज था, पूरी जमीन हिल गई थी और चारों तरफ आग ही आग थी।

घायल रुखसार ने आगे बताया कि कंपनी में जिस वक्त ब्लास्ट हुआ, उस समय बहुत से लोग कम्पनी में काम कर रहे थे। कंपनी की चारों मंजिल पर काम हो रहा था और वहां सब अलग-अलग जोन में बैठे थे और सबका अलग-अलग काम था, जिसमें हमारा काम बत्ती पट्टी करना था और धमाके के समय हमारे हॉल में करीब डेढ़ सौ महिला कर्मचारी मौजूद थीं और उनके कुछ बच्चे भी साथ थे।

हरदा के वार्ड क्रमांक-5 की रहने वाली रुखसार बानो के अनुसार, उनके साथ काम करने वाली महिला कर्मचारियों में से अपने बच्चों को साथ लेकर आई महिलाओं के तीन बच्चे ब्लास्ट के बाद से अभी मिल नहीं रहे हैं। वहीं, उनके अनुसार बहुत से बच्चे गेहूं की फसल के बीच मृत पड़े हैं और कुछ शव रेलवे लाइन के किनारे भी पड़े हुए हैं। हालांकि, रुखसार और उनके कुछ साथी भाग कर करीब एक से डेढ़ किलोमीटर तक दूर तक चले गए थे। लेकिन रास्ते में धमाके की बहुत तेज-तेज आवाज आ रही थी और कई जगह लोगों को कई चीजें कट-कट कर लग रही थी। कई सारी गाड़ियां धमाके से फूट गई थीं।