जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर में गोसलपुर से अपहरण किए गए रेत कारोबारी के विकलांग पुत्र का कंकाल जंगलों में पाया गया है। अपहरणकर्ताओं ने कुछ दिन पहले परिवार से 15 लाख की फिरौती मांगी थी।
शंकरगढ़ गांव निवासी एक बुजुर्ग बकरियों को चराने मंगलवार को धरमपुरा जंगल की ओर गया था। वहां खदान के खोह वाली झाड़ियों पर उसकी नजर गई तो सन्न रह गया। वहां एक कंकाल पड़ा था। दहशत में वह बकरियों को लेकर घर लौट आया। उसने गांव के लोगों से इसकी चर्चा की। रात तक इसकी चर्चा गोसलपुर पुलिस तक पहुंची। कल देर रात पुलिस बुजुर्ग को लेकर मौके पर पहुंची। कंकाल देख पुलिस ने शंकरगढ़ कॉलोनी निवासी मलखान सिंह को बुलाया। भाई इंद्रपाल सिंह के साथ मौके पर पहुंचे मलखान सिंह ने कपड़ों व जूतों के आधार पर कंकाल की पहचान दो मार्च को अगवा हुए बेटे राहुल सिंह के रूप में की।
शव पूरी तरह से कंकाल में तब्दील हो गया है। आशंका जताई जा रही है कि जंगली जानवर शरीर का मांस नोच खाए होंगे। कंकाल को पीएम के लिए जबलपुर मेडिकल काॅलेज भिजवाया गया है। जहां आज शव का पीएम होगा। अगवा हुए युवक का कंकाल मिलने की खबर मिलते ही मौके पर स्थानीय गोसलपुर पुलिस के साथ ही वरिष्ठ अधिकारी पहंुचे थे।
युवक की तलाश में सात दिन पुलिस की भारी भरकम टीम गोसलपुर में ही डेरा जमाए हुई थी। खुद एएसपी ग्रामीण शिवेश सिंह बघेल वहां कैम्प लगाए हुए थे। पर युवक की सकुशल वापसी नहीं करा पाए। उसका कंकाल मिलने की खबर आधी रात को घर में पहुंची तो कोहराम मच गया। मां नीता बाई सदमें में बेहोश हो गई। दादा ओमकार सिंह भी पोते की मौत की खबर सुनकर बदहवास से हो गए। राहुल की इसी अप्रैल में शादी होने वाली थी। राहुल के दोस्तों के मुताबिक वह काफी सीधा था। पर इसके बावजूद उसे किसने अगवा किया और किस रंजिश में हत्या की, अभी ये गुत्थी सुलझानी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है।