रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर में मासूम बालक का अपहरण कर पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने वाले आरोपी पंचराम गेंड्रे को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। प्रकरण की सुनवाई के दौरान मृत बालक के माता-पिता, बडे़ भाई और पड़ोसी सहित कुल 19 गवाहों बयान करवाए गए। 2022 में हुई इस घटना के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। इस दौरान उसने हत्या करना स्वीकार किया।
इस तरह घटना को दिया अंजाम
उरला इलाके से 5 अप्रैल 2022 की सुबह हर्ष नाम के 4 साल के बच्चे को पड़ोस में रहने वाले पंचराम घुमाने के बहाने अपनी मोटरसाइकिल में ले गया। इसके बाद बेमेतरा के ग्राम नेवनारा स्थित खार में ले गया। जहां पेट्रोल डालकर जिन्दा जला दिया। बच्चे के पिता जयेंद्र, उरला इलाके में पूर्व पार्षद अशोक बघेल के मकान में किराए से रहते थे। वहीं पंचराम अपनी पत्नी के छोड़कर चले जाने के बाद मां के साथ वहीं किराएदार था।
साथ मजदूरी का काम करता था। पड़ोस में रहने के कारण परिचित होने के कारण अक्सर घर पर जाना आना था। इसी के चलते किसी को अपहरण और जिंदा जलाने का संदेह नहीं हुआ। घटना के चार दिन बाद आरोपी को पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के बाद तत्कालीन अतिरिक्त लोक अभियोजक राजेन्द्र जैन द्वारा चालान पेश किया गया था।
घटना के बाद नागपुर भागा
बच्चे जिंदा जलाने के बाद पंचराम पकड़े जाने के डर से अपनी दोपहिया 15000 रुपए में बेचकर नागपुर फरार हो गया था। संदेह के आधार पर उसका लोकेशन ट्रेस करने के बाद नागपुर से गिरफ्तार किया। घटना के बाद पूछताछ कर आरोपी को घटनास्थल पर ले जाकर पेट्रोल का डिब्बा और अन्य साक्क्ष्य बरामद किए गए।
पूछताछ में खुलासा
गिरफ्तारी के बाद पंचराम ने पूछताछ में बच्चे की हत्या की वजह उसकी मां से एकतरफा प्यार करना बताया। साथ ही बातचीत नहीं करने के बाद भी जबरदस्ती बच्चों को बिना पूछे ले जाने पर उसे डपट भी लगाई थी। इस बात पर सबक सिखाने के लिए उसके दोनों बच्चों को जिंदा जलाने की योजना बनाई थी।
जिला कोर्ट में 46 साल बाद फांसी की सजा
जिला न्यायालय रायपुर में इसके पहले 25 अक्टूबर 1978 को रायपुर सेंट्रल जेल में बैजू नामक कैदी को फांसी दी गई थी। बैजू पर आरोप था, कि उसने 2 हजार रुपए के लिए चार लोगों को मार डाला।