नई दिल्‍ली । दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल को मेडिकल बोर्ड से मिलने की इजाजत दे दी है। हालांकि एक झटका भी दिया है। दरअसल कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की मेडिकल बोर्ड के साथ होने वाली कंसल्टेशन के दौरान सुनीता केजरीवाल को मौजूद रहने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। यह मेडिकल बोर्ड केजरीवाल के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए एम्स द्वारा गठित किया गया है। अरविंद केजरीवाल पिछले कई दिनों से कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं।

कोर्ट के आदेश के मुताबिक मेडिकल बोर्ड के कंसल्टेशन के दौरान सुनीता केजरीवाल मौजूद नहीं रह सकतीं लेकिन वह बाद में मेडिकल बोर्ड से मिल सकती हैं और उनके खान-पान और स्वास्थ्य को लेकर बात कर सकती हैं। इसी के साथ कोर्ट ने तिहाड़ जेल अधिकारियों को अरविंद केजरीवाल को मेडिकल बोर्ड के साथ उनके कंसल्टेशन के मेडिकल रिकॉर्ड उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। बता दें, अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था जबकि सीबीआई ने उन्हें 26 जून को गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में हैं।

हाई कोर्ट ने सीबीआई से मांगा जवाब
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सीबीआई से शुक्रवार को जवाब मांगा। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 जुलाई की तारीख तय की। केजरीवाल ने जमानत की मांग करते हुए दावा किया कि सीबीआई के मामले में उन्हें गिरफ्तार करने की कोई आवश्यकता नहीं थी और उनकी हिरासत अवैध है।

केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि आम आदमी पार्टी प्रमुख के भागने का खतरा नहीं है और न ही वह आतंकवादी हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय के धन शोधन मामले में जमानत मिलने के बाद गिरफ्तार किया। सीबीआई की ओर से पेश वकील डीपी सिंह ने केजरीवाल की ओर से निचली अदालत में पहले जमानत याचिका दायर किये बगैर सीधे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने पर आपत्ति जताई।