उत्तर प्रदेश में शादियों के सीजन में दूल्हा-दुल्हन से जुड़े फोटो वीडियो बहुत वायरल होते हैं। इस दौरान एक तस्वीर ने सोशल मीडिया पर बवाल काट रखा है। इसमें एक लड़की पीले रंग की बनारसी बिकिनी पहनकर जयमाला कार्यक्रम में दूल्हे को फूलों का हार पहना रही है। इसके कैप्शन में लिखा गया है कि लड़की ने रूढ़िवादिता को चुनौती देने का अनूठा तरीका अपनाया है। अब इस तस्वीर की सच्चाई सामने आई है।

फोटो में आखिर क्या था

वायरल फोटो में महिला पीली बिकिनी पहनकर शादी करती दिख रही है, जिसे देखकर लोग हैरान हो गए थे। तस्वीर में महिला ने घूंघट और ज्वैलरी के साथ पारंपरिक मेहंदी भी लगाई थी। फैक्ट चेक से पता चला कि यह तस्वीर फर्जी है और AI से बनाई गई है। असल में इस तरह की शादी कभी नहीं हुई थी।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शादी के मौसम नाम से कैप्शन लिखकर रेडिट पर इस तरह की कई एआई जेनरेटेड इमेज पोस्ट की गई थी। इस तस्वीर के वायरल होने पर सोशल मीडिया पर नई बहस छिड़ गई, जिसमें शादी समारोह में पहने जाने वाले कपड़े चर्चा के विषय थे।

कई लोगों ने कहा कि शादी को एक पवित्र रस्म है। ऐसे में दूल्हा और दुल्हन को पारंपरिक कपड़े ही पहनने चाहिए। इस तरह के कपड़ों को किसी भी सूरत में स्वीकार्यता नहीं मिलनी चाहिए। इसको यूजर्स ने भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताया।

कुछ लोगों ने इसको महिलाओं के फ्रीडम से जोड़कर देखा। उनका कहना था कि यह पूरी तरह से महिलाओं के ऊपर है कि वह समारोह में क्या पहनना चाहती हैं। हमको प्रोग्रेसिव सोसाइटी बनना है, जिसमें महिलाओं को बांधना नहीं है।