आजकल सोशल मीडिया का प्रभाव इतना बढ़ चुका है कि वहां हर तरह की घटनाएं और किस्से वायरल होते रहते हैं। हाल ही में एक ऐसी पोस्ट वायरल हुई है, जिसने सभी को चौंका दिया। एक भारतीय व्यक्ति ने इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सऐप पर अपनी शादी के बारे में एक चौकाने वाली जानकारी साझा की, जिससे उसकी शादी टूटने की वजह भी सामने आई। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
600 बारातियों का खर्च उठाने से किया मना
यह दिलचस्प पोस्ट एक शादी से जुड़ी कहानी है, जिसमें दूल्हे के परिवार वालों ने दुल्हन के परिवार से 600 बारातियों के खाने-पीने और स्वागत का खर्च उठाने की मांग की थी। जब दुल्हन के परिवार वालों ने इसे अस्वीकार किया, तो शादी टूट गई। दरअसल, दूल्हे के परिवार ने दुल्हन के परिवार से यह शर्त रखी कि यदि वे 600 बारातियों का स्वागत और उनका खर्च उठाने के लिए तैयार हैं, तो शादी की बात आगे बढ़ेगी। दुल्हन के परिवार वाले इस भारी खर्च से घबराए और उन्होंने शादी करने से मना कर दिया।
शादी से कुछ दिन पहले यह मांग क्यों की गई?
बता दें कि यह शादी मई में होने वाली थी और कुछ ही दिन पहले दूल्हे के परिवार ने यह अप्रत्याशित मांग कर दी। उनकी शर्त के अनुसार, शादी तभी होगी जब दुल्हन का परिवार 600 लोगों का खर्च उठा सकेगा। इस इलाके में पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार, शादियों में लाखों रुपये खर्च करना एक आम बात है, लेकिन इतने बड़े खर्च को उठाना दुल्हन के परिवार के लिए मुश्किल था।
शादी टूटने के बाद दुल्हन के परिवार का दुख
जब दुल्हन के परिवार ने यह साफ कह दिया कि उनके पास इतना पैसा नहीं है, तो दूल्हे के परिवार ने शादी को रद्द कर दिया। दोनों परिवारों के बीच पहले से ही शादी को लेकर सहमति बनी थी, लेकिन यह अनपेक्षित मांग शादी के टूटने का कारण बन गई। दुल्हन के परिवार के सदस्य, विशेषकर उसकी मां और बहन इस स्थिति से बहुत दुखी थे। उन्होंने रेडिट पर अपनी परेशानी साझा करते हुए कानूनी सलाह मांगी। उन्होंने कहा कि वे कानूनी मामलों में उलझने से डरते हैं क्योंकि यह उनकी बेटी का मामला है।
सोशल मीडिया पर मिली मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
यह पोस्ट वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर बहुत से यूजर्स ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी। कुछ यूजर्स ने लिखा कि एक टूटी हुई सगाई, कड़वे तलाक से कहीं बेहतर है, जबकि कुछ ने दूल्हे के परिवार के व्यवहार को अलंकार बताया। कई यूजर्स ने यह भी कहा कि दहेज निषेध अधिनियम 1961 के तहत कोई अपराध नहीं हुआ क्योंकि दुल्हन के परिवार ने शादी के लिए कोई दहेज या अतिरिक्त मांग नहीं की थी।
कानूनी नजरिए से क्या है मामला?
कुछ लोग इस मामले को दहेज प्रथा के रूप में देख रहे थे, जबकि कानूनी रूप से इसे दहेज निषेध अधिनियम के तहत अपराध नहीं माना जा सकता क्योंकि यहां दुल्हन के परिवार से किसी भी प्रकार की दहेज की मांग नहीं की गई थी। हालांकि, दुल्हन के परिवार ने ऐसे रिश्तों से बचने का फैसला किया और अपनी बेटी के भविष्य के बारे में सोचते हुए शादी से इंकार कर दिया। यह कहानी हमारे समाज में हो रही कुछ गंभीर समस्याओं की तरफ इशारा करती है, जिसमें शादियों के नाम पर पैसे और दिखावे को ज्यादा महत्व दिया जाता है। यह घटना यह भी बताती है कि हमारे पारंपरिक रीति-रिवाजों और शादियों के भव्यता की कीमत क्या हो सकती है।