छिंदवाड़ा। तामिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डिलेवरी के बाद पातालकोट की प्रसूता महिला अपनी दुधमुंही नवजात बच्ची के साथ एम्बुलेंस में घर के लिए निकली तो एम्बुलेंस चालक ने उसे सात किमी दूर ही सड़क पर छोड़ दिया और भगवान भरोसे छोड़कर चला गया। इससे यह महिला सड़क पर चीखती पुकारती रही। उसके बाद किसी तरह गांव में सूचना देने पर ग्रामीणजन बाइक लेकर स्थल पर पहुंचे। तब जाकर उसे घर ले जाया गया।
पातालकोट का गांव है हर्राकछार। जहां की महिला रेवती पति मंजू उइके को दो दिन पहले डिलेवरी के लिए तामिया स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया था। उसने रविवार की रात बच्चे को जन्म दिया। दूसरे दिन सोमवार को छुट्टी पर उसे तामिया से एम्बुलेंस में बच्चे और परिजन समेत विदा किया गया। एम्बुलेंस चालक को उसे हर्राकछार तक छोडऩा था लेकिन उसने यह कहकर सात किमी पहले छोड़ दिया कि सड़क खराब है। महिला के परिजन यह बताते गए कि सड़क ठीक है, एम्बुलेंस गांव तक चली जाएगी। फिर भी चालक ने नहीं सुनी और तपती दुपहरी में महिला को दुधमुंही नवजात बच्ची समेत उतार दिया और वापस चला गया। इस घटनाक्रम को जिस भी राहगीर ने सुना, उसने इसे अमानवीय बताया। परिजनों ने हर्राकछार सूचना भेजकर बाइक बुलाई और दर्द से कराहती महिला और नवजात शिशु को बैठाकर ले गए।