ग्वालियर: आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के प्रभु उपहार भवन माधौगंज एवं पुराना हाईकोर्ट लाईन स्थित संगम भवन केंद्र सहित सभी सेवाकेन्द्रों पर प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की 54 वीं पुण्यतिथि श्रद्धा पूर्वक मनाई गई|
सभी सेंटरों पर सुबह से शाम तक सभी भाई एवं बहनों ने शांति में मौन में रहकर पूरे विश्व की मनुष्य आत्मओं के लिए शुभ संकल्प रखते हुए ध्यान साधना की |
क्योंकि आज ही के दिन 18 जनवरी 1969 को ब्रह्माकुमारी संस्थान के साकार संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ने सम्पूर्णता को प्राप्त किया था । आज उनका 54 वां स्मृति दिवस है। इसी उपलक्ष्य में लश्कर ग्वालियर सेवा केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी ने प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए सभी को बताया कि 18 जनवरी 1969 सृष्टि चक्र में एक अत्यंत ऐतिहासिक दिन है….. यह दिन एक ऐसे महान व्यक्ति का महाप्रयाण दिन है जिसने अपने तन, मन, धन को समस्त मानव जगत कल्याण में लगा दिया और उसका कोई भी श्रेय लेने का संकल्प तक नही किया और इस जगत से विदा हो गए|
आप थे ब्रह्माकुमारी संस्था के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा सन 1936 ये वो दौर था जब सिंध हैदराबाद में “दादा लेखराज” जिनकी उम्र करीब 60 वर्ष थी, वे अपने घर और व्यापार में व्यस्त थे, मगर वे इस पर गहन चिंतन में थे, गीता शास्त्र के नियमित पाठी होने के कारण धर्म ग्लानि के इन लक्षणों से वे चिंतित रहने लगे, उन्हें प्रभु मिलन प्रबल इच्छा थी….. तब अनायास ही उन्हें परमात्मा शिव के द्वारा दिव्य साक्षात्कार हुए और उनके तन के माध्यम से परमात्मा शिव ने नई सृष्टी के सृजन का सूत्रपात किया| तब से ये संस्था निरंतर नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना में कार्यरत है |
अब तो आप देख रहे है कि इस संस्था ने विश्व के पांचों महाद्वीपो में अपने निस्वार्थ सेवा, पवित्रता, एकता, महिला सशक्तिकरण, धर्मनिरपेक्षता, प्रैक्टिकल ज्ञान…. की ऐसी छाप छोड़ी है जिसे नजरअंदाज किया नही जा सकता, पूरे विश्व भर में संस्थान के हजारों सेवाकेन्द्रों में प्रतिदिन लोगो का जुड़ना जारी रहता है, यहाँ दिए जाने वाले नित नये ज्ञान से नए नए आयाम गढे जा रहे है।
आइये पिताश्री ब्रह्मा बाबा के 54 वे स्मृति दिवस पर हम ब्रह्माकुमार-कुमारी भाई बहने आपका भी आवाहन करते है, विश्व परिवर्तन के इस पुनीत कार्य मे आप भी अवश्य सहभागी बनिये….
इस अवसर पर बी. के. लक्ष्मी, बी.के.प्रहलाद, बी.के. अरुण बी.के. डॉ.गुरचरण बी.के.पवन सहित संस्था से जुड़े हुए सैकड़ों भाई एवं बहनें उपस्थित रहें।