दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कल 20 लाख करोड़ के घोषित आर्थिक पैकेज की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मार्च 2021 तक TDS-TCS की दरों में 25 फीसदी की कटौती. आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की तारीख बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 होगी. विवाद से विश्वास स्कीम 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ाई गई है।
इसी तरह जो अन्य पैकेज घोषित किए गए हैं इनमे सभी सरकारी एजेंसियां जैसे रेलवे, हाइवे आदि छह महीने तक ठेकेदारों को राहत देंगे. पीपीपी में भी छह महीने तक राहत दी जा सकती है।
■डिस्कॉम यानी बिजली वितरण कंपनियों की मदद के लिए इमरजेंसी लिक्विडिटी 90 हजार करोड़ रुपये की योजना
■एनबीएफसी को 45,000 करोड़ की पहले से चल रही योजना का विस्तार होगा. आंशिक ऋण गारंटी योजना का विस्तार होगा. इसमें डबल ए या इससे भी कम रेटिंग वाले एनबीएफसी को भी कर्ज मिलेगा।
नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों (NBFC) के लिए 30,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटि स्कीम का ऐलान किया गया है।
■15 हजार रुपये से कम वेतन वालों का ईपीएफ अगस्त तक केंद्र देगा. नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान सरकार कर रही है. इसमें करीब 2500 करोड़ रुपये का खर्च होगा।
■एक करोड़ के निवेश वाली कंपनियां माइक्रो यूनिट होंगी. कारोबार ज्यादा होने पर भी एमएमएमई का फायदा मिलता रहेगा. वहीं मीडियम के लिए 20 करोड़ रुपये तक की निवेश सीमा होगी. हर तरह के सेक्टर में लगी एमएसएमई को योजना से फायदा होगा।
■एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किया गया है. ज्यादा टर्नओवर के बावजूद एमएसएमई का दर्जा खत्म नहीं होगा
■एमएसएमई जो सक्षम हैं, उन्हें कारोबार विस्तार के लिए 50,000 करोड़ रुपये के फंड्स ऑफ फंड के माध्यम से सहयोग दिया जाएगा
■संकट में फंसे एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. 2 लाख एमएसएमई को होगा फायदा।
■छोटे उद्योगों (MSME) के लिए 6 बड़े कदम उठाए गए हैं. इनमें MSME को 3 लाख करोड़ रुपये का बिना गारंटी के लोन दिया जाएगा. 45 लाख यूनिट हैं. चार साल के लिए लोन दिया जाएगा।
रियल एस्टेट के मामले में एडवाइजरी जारी होगी सभी प्रोजेक्ट्स को मार्च से आगे 6 महीने तक मोहलत दी जाएगी।
■बिजली वितरण कंपनियों की मदद के लिए इमरजेंसी लिक्विडिटी 90,000 करोड़ रुपये दी जाएगी।
■नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के लिए 30,000 करोड़ की विशेष लिक्विडिटी स्कीम लाई जा रही है. इससे नकदी का संकट नहीं रह जाएगा।
■एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की परिभाषा बदल दी गई है. इसमें निवेश की लिमिट में बदलाव किया गया है. 1 करोड़ निवेश या 10 करोड़ टर्नओवर पर सूक्ष्म उद्योग का दर्जा दिया जाएगा इसी तरह 10 करोड़ निवेश या 50 करोड़ टर्नओवर पर लघु उद्योग का दर्जा दिया जाएगा. वहीं 20 करोड़ निवेश या 100 करोड़ टर्नओवर पर मध्यम उद्योग का दर्जा होगा।