भोपाल। मध्य प्रदेश (MP) में नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी जा चुकी है। इसके साथ ही अगले 5 साल में 32 लाख व्यक्तियों को औपचारिक शिक्षा देने का लक्ष्य तैयार किया गया है। इसके लिए शिवराज सरकार (shivraj government) ने तैयारी भी शुरू कर दी है। शिवराज सरकार नवभारत साक्षरता कार्यक्रम संचालित करेगी।
दरअसल समग्र शिक्षा अभियान व शिक्षा विभाग में काम कर रहे सेवानिवृत्त कर्मचारी, स्व सहायता समूह और आजीविका मिशन के समूह के साथ सहयोग कर इस कार्यक्रम को संचालित किया जाएगा। आगामी कैबिनेट बैठक (cabinet meeting) में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम को संचालित करने का निर्णय लिया जा सकता है। इससे पहले केंद्र सरकार द्वारा भी साक्षरता कार्यक्रम चलाने की योजना को स्वीकृति दी जा चुकी है।
मामले में स्कूल शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि मार्च 2018 तक साक्षर भारत योजना में 49 लाख से अधिक लोगों को साक्षर किया जा चुका है। वहीं अब 5 साल में 32 लाख 60 हज़ार लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया है। मध्य प्रदेश में नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी जा चुकी है। 2030 तक बाकी लोगों को नई शिक्षा नीति के तहत साक्षर करने के लिए साक्षरता कार्यक्रम संचालित किया जाएगा।
वही इस योजना के तहत किसी भी तरह के मानदेय नहीं देने होंगे। इस योजना में कार्यरत सभी कर्मचारी अक्षर साथी कहलाएंगे। इसके अलावा असाक्षर को शिक्षण सामग्री साक्षरता कार्यक्रम के दौरान शासन की ओर से निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। बुनियादी साक्षरता परीक्षा सहित कार्यक्रम से जुड़ी अन्य सभी जानकारी कार्यक्रम के संचालन पर उपलब्ध कराई जाएगी जिसके लिए 322 से अधिक डाटा एंट्री ऑपरेटर आउट सोर्स के माध्यम से नियुक्त किए जाएंगे