छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के एक सब इंस्पेक्टर ने खाकी पर दाग लगाते हुए एक युवक को झूठे केस में फंसाकर एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी। युवक ने 25 हजार रुपये देकर अपनी जमानत कराई। और पैसों की मांग से परेशान युवक ने लोकायुक्त अधिकारी से इसकी शिकायत की।
योजना के अनुसार वह और 50 हजार रुपये देने पंहुचा। इस दौरान लोकायुक्त टीम ने दबिश देते हुए रिश्वत लेते सब इंस्पेक्टर को चंदनगाव की एक दुकान पर रंगे हाथों दबोच लिया। सब इंस्पेक्टर जितेंद्र यादव के पास से 50 हजार नकद जब्त कर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। टीम उसे सर्किट हाउस ले गई, जहां आगे की कार्रवाई की जा रही है। छिंदवाड़ा कोतवाली के सब इंस्पेक्टर को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते लोकायुक्त की टीम ने पकड़ा है। सब इंस्पेक्टर जितेंद्र यादव ने केस खत्म करने के बदले में एक युवक से रुपये मांगे थे। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
बताया जा रहा है कि फरियादी दुर्गेश सोनी को किसी मामले में पुलिस ने 22 अगस्त की रात उठाया था। दूसरे दिन झूठे केस में फंसाकर उससे एक लाख रुपये मांगे। इस दौरान युवक ने घर पर रखे 25 हजार रुपये दे दिए। उसके बाद 25 अगस्त को उसकी जमानत हो गई। बाकी बचे रुपयों के लिए सब इंस्पेक्टर जितेंद्र यादव उसे परेशान कर रहा था। वह युवक को फिर से झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रहा था।
इससे परेशान युवक ने जबलपुर लोकायुक्त में लिखित शिकायत की। लोकायुक्त ने मामले की जांच करते हुए सब इंस्पेक्टर को रंगे हाथों 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए दबोच लिया। लोकायुक्त अधिकारी दिलीप झारवाड़े ने बताया कि पीड़ित पर छिंदवाड़ा के नेता की सुपारी देने का आरोप पुलिस द्वारा लगाया गया था। इसी प्रकरण में केस को रफा दफा करने की एवज में एक लाख रुपए की मांग की गई थी। परेशान आवेदक ने जबलपुर लोकायुक्त में शिकायत कर दी। लोकायुक्त टीम ने जांच करते हुए सब इंस्पेक्टर को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए दबोच लिया।