भोपाल सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लव जिहाद को लेकर बड़ा बयान दिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में लव तो चल सकता है, लेकिन जिहाद किसी भी कीमत पर नहीं चलने दिया जाएगा. सीएम शिवराज सिंह चौहान ब्राह्मण समाज के महासम्मेलन में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने ब्राह्मणों को लुभाने के लिए कई अहम ऐलान भी किए.

लव जिहाद के मुद्दे पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सख्त रवैया रहा है. वे पहले कई बार कह चुके हैं कि मध्य प्रदेश की धरती पर लव जिहाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अब एक बार फिर उन्होंने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है.  महिलाओं के धर्मांतरण पर चिंता जताते हुए उन्होंने लव जिहाद करने वालों के ऊपर सख्त रवैया अपनाने की बात कही है.

लव चल सकता है, लेकिन जिहाद नहीं
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लव जिहाद के ऊपर बयान देते हुए कहा कि “मध्यप्रदेश में लव तो चल सकता है, लेकिन जिहाद किसी भी कीमत पर नहीं चलने दिया जाएगा. इस तरह की हरकत करने वाले पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर दिए जाएंगे. यह मैं आपको वचन देता हूं. ऐसी चीजें हम मध्यप्रदेश की धरती पर नहीं होने देंगे.” सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इससे पहले भी लव जिहाद पर बयान देते हुए कहा था कि एमपी में केरल स्टोरी नहीं बनने देंगे. उन्होंने कहा था कि राज्य की धरती पर लव-जिहाद का कुचक्र नहीं चलने देंगे.

ब्राह्मणों को लुभाने के लिए वादे
ब्राह्मण महासभा में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ब्राह्मणों के लिए कई बड़े ऐलान किए. उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि ब्राह्मण समाज के आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए छात्रावास के लिए भोपाल में जमीन उपलब्ध कराई जाएगी. सीएम शिवराज ने ऐलान किया कि संस्कृत के छात्रावासी विद्यार्थियों को ₹8 हजार से 10 हजार प्रदान किए जाएंगे. इसके अलावा मंदिर की जमीन की नीलामी का अधिकार भी कलेक्टर से हटाकर मंदिर के पुजारी को देने का ऐलान किया गया. ब्राह्मणों को खुश करने के लिए भगवान परशुराम की जयंती के मौके पर शासकीय अवकाश रखने का भी सीएम शिवराज द्वारा ऐलान किया गया है.

ब्राह्मणों की जमकर की तारीफ
सीएम ने अपने भाषण के दौरान ब्राह्मण समाज की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों ने धर्म, संस्कृति, जीवन मूल्य और परंपराओं को संरक्षित करने का काम किया है. सीएम शिवराज ने कहा “भाषा हो, साहित्य हो, भूगोल हो, विज्ञान हो, राजनीति हो, ज्योतिष हो, अर्थ गणित विद्या हो ऐसी कोई विधा नहीं है जो ब्राह्मणों से अछूती रही हो. जब विश्व ने खोजों की शुरुआत नहीं की थी, तब शून्य को भी ब्राह्मण ने दिया था. किसी का राजपाट बिना ब्राह्मणों के नहीं चलता था. बात धर्म की हो, युद्ध शास्त्र की हो या शस्त्र की हो; दिशा और ज्ञान देने का काम गुरु ही करते थे. अगर चाणक्य ना होते तो चंद्रगुप्त भी ना होते और मौर्य साम्राज्य भी नहीं होता.”