इंदौर: इंदौर कलेक्टर ने रविवार (14 अप्रैल) को बड़ी कार्रवाई करते हुए रेवेन्यू डिपार्टमेंट के कर्मचारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है. इंदौर कलेक्टर ने विभाग के पांच पटवारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इंदौर में सात दिन पहले कलेक्टर ने रेवेन्यू डिपार्टमेंट का दौरा किया था. दौरे के एक सप्ताह बाद रविवार को कार्य में लापरवाही बरतने को लेकर कलेक्टर आशीष सिंह ने बड़ी कार्रवाई की. इस मामले में उन्होंने पांच पटवारियों और एक आरआई (RI) को निलंबित कर दिया.
पांच पटवारी और आरआई निलंबित
अपने तेज तर्रार लहजे के लिए मशहूर आईएएस अफसर आशीष सिंह ने सरकारी ढर्रे को सुधारने के लिए बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. उन्होंने राजस्व विभाग के एक दो नही बल्कि पांच पटवारियों और एक आर आरआई को निलंबित कर दिया है. इंदौर कलेक्टर ने जिन पटवारियों को निलंबित किया है, उनमें उनमें रोशिता तिवारी (मल्हारगंज), हरीश शर्मा (मल्हारगंज), ओम परवार (बिचौली हप्सी), प्रभुदयाल मुकाती (जूनी इंदौर) और नितेश राणा (राऊ) शामिल हैं. निलंबित कर्मचारियों में रोशिता तिवारी और हरीश शर्मा को भू अभिलेख में अटैच किया गया. ओम परवार को हातोद, प्रभुदयाल मुकाती को महू और नितेश राणा को देपालपुर अटैच किया गया है. आरआई सुबोध टैनी को सस्पेंड किया गया है.
निलंबन की वजह?
जिन लोगों पर गाज गिरी है, इन 6 के खिलाफ लेन-देन को लेकर कई शिकायतें कलेक्टर और अन्य अफसरों को लगातार मिल रही थीं. प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले की जांच के बाद पाया कि कई कामों थोड़े से रिमार्क्स के कारण काफी समय से रोका गया था. जिनको लेकर भ्रष्टाचार को संदेह हो रहा था. इसके अलावा ये भी पता चला था कि कई कामों को इसलिए रोका गया था, क्योंकि संबंधितों से समय पर उन्हें घूस नहीं मिली थी. ये लोग नामांकन, बटांकन, सीमांकन से जुड़े कामों को लेकर काफी परेशान कर रहे थे.
जांच के बाद अन्य पर गिर सकती है गाज
निलंबित कर्मचारी घूस लिए बिना कोई फाइल आगे नहीं बढ़ाते थे. जानकारों का कहना है कि इसके अलावा भी इनके खिलाफ अभी और भी कई शिकायतों की जांच चल रही है. जांच के बाद कई अन्य खिलाफ भी ऐसी कार्रवाई हो सकती है.