इन्दौर। कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा यादव ने आज अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस्तीफा देने का ठीकरा सरकार पर फोड़ते हुए कहा कि आयोग की संवैधानिक रूप से गठित कार्यकारिणी को सरकार ने न्यायालय  में उलझा दिया और हजारों महिलाओं को न्याय से वंचित कर दिया। अब वे एक बार फिर सक्रिय राजनीति में लौटेंगी और महिलाओं को न्याय दिलाएंगी।

आज मीडिया के सामने ओझा ने अपना इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार नारी सुरक्षा के नाम पर बेटी बचाओ जैसे निरर्थक जुमले और खोखले नारे उछालने के साथ ही दिखावटी कदम भी उठाती रही है। उन्होंने कहा कि आज से सवा दो साल पहले जब उन्होंने कार्यभार ग्रहण किया था तो महिला आयोग के पास दस हजार मामले लंबित थे, जिनका निराकरण करने का हमने संकल्प लिया था, लेकिन राज्य सरकार ने हमारी मंशा पर पानी फेर दिया। अब आयोग में साढ़े 17 हजार मामले लंबित पड़े हैं। उन्होंने सीधे-सीधे शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि  मनमानी का आलम यह है कि वे आयोग की नियमों की लगातार धज्जियां उडा़ रही हैं। प्रदेश में महिला अत्याचारो से संबंधित आंकड़ों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि हर दिन 6 दुष्कर्म हो रहे हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार औसतन 137 महिलाओं के साथ कोई ना कोई अपराध घटते रहते हैं, वहीं पिछले साल 2339 महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना हुई। 2020 में 8751 बच्चे गायब हो गए। इसी को लेकर मैं अपना त्याग पत्र दे रही हूं।