बालाघाट: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले (Balaghat district of Madhya Pradesh) में एक सराफा कारोबारी ने तो 11 करोड़ की संपत्ति को दान कर दिया, साथ ही पूरे परिवार ने सांसारिक जीवन (worldly life) को त्यागकर दीक्षा लेने का ऐलान किया है. बताया गया है कि यहां के सराफा कारोबारी राकेश सुराना (bullion trader rakesh surana) ने अपनी 11 करोड़ की संपत्ति गौशाला और धार्मिक संस्थानों को दान कर दी है. इतना ही नहीं उन्होंने अपनी पत्नी लीना (36) और बेटे अभय (11) के साथ सांसारिक जीवन को त्याग कर संयम पथ पर चलने का ऐलान किया है. यह तीनों सदस्य जयपुर (Jaipur) में आयोजित एक समारोह में दीक्षा भी लेने वाले हैं.

मुमुक्ष राकेश, मुमुक्ष लीना और मुमुक्ष अभय सुराना के सम्मान में आज बालाघाट के जैन समाज ने विभिन्न धार्मिक आयोजित किए. इस दौरान तीनों का सम्मान, नवकासी कार्यक्रम और वर्षीदान वरघोड़ा आदि आयोजन शामिल है. अब आखिर में 19 मई को संसार से संयम की ओर विदाई का कार्यक्रम होगा. सुराना दंपति और उनका बेटा 20 मई को जयपुर में जैन मुनियों के सान्निध्य में विधिवत दीक्षा हासिल करेंगे.

राकेश सुराना ने बताया कि वे बालाघाट में एक सफल और प्रतिष्ठित सर्राफा व्यवसायी के रूप में स्थापित हो चुके थे लेकिन फिर भी मन में संतुष्टि का भाव नहीं था. राकेश सुराना ने बताया कि उनकी पत्नी लीना का भी शुरू से ही अध्यात्म की तरफ रुझान था. लीना ने साल 2015 में ही जैन धर्म की दीक्षा लेने का मन बना लिया था. अब राकेश ने भी पत्नी और बेटे के साथ जैन धर्म की दीक्षा लेने का फैसला किया है.

लीना सुराना ने बताया कि वह एक शिक्षिका हैं और अपना स्कूल चलाती हैं. लीना ने बेंगलुरु से पोस्ट ग्रेजुएट और विदेश से पढ़ाई की है. लीना के अनुसार, साल 2015 में जब महेंद्र सागर जी महाराज चातुर्मास के लिए बालाघाट आए थे, तभी से ही उनके मन में वैराग्य आ गया था. लीना के ससुर और ननद भी दीक्षार्थी बन चुकी हैं. बेटे अभय को लेकर लीना ने बताया कि वह बचपन से ही अध्यात्म प्रवृत्ति का रहा है.