भोपाल। मध्य प्रदेश में अगले एक साल में सरकार एक लाख रिक्त पदों पर भर्ती करेगी। इसके लिए विभागवार कार्ययोजना तैयार की जा रही है। सामान्य प्रशासन विभाग ने मंगलवार से विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक प्रारंभ की, जो तीन दिन चलेगी। इसमें सभी से रिक्त पदों के साथ भर्ती नियम की जानकारी मांगी जा रही है। अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के पदों का ब्योरा अलग से मांगा जा रहा है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि भर्ती की प्रक्रिया जल्द ही प्रारंभ होगी। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग रिक्त पद और भर्ती नियमों के आधार पर जानकारी तैयार करा रहा है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड और राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया कराई जाएगी। पहले उन विभागों के रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया होगा, जहां कार्य प्रभावित हो रहा है।
गृह, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास जैसे विभागों में प्राथमिकता के आधार पर भर्तियां होंगी। खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग ने 365 कंप्यूटर आपरेटर की नियुक्ति का प्रस्ताव तैयार किया है। इसी तरह अन्य विभाग भी प्रस्ताव बनाएंगे। वहीं, अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के बैकलाग पदों की भर्ती के लिए विशेष भर्ती अभियान जून 2023 तक चलेगा। इसके लिए सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रस्ताव तैयार करके भर्ती करने वाली एजेंसियों को भेजे जाएं।
लगेंगे रोजगार मेले
प्रदेश में रोजगार मेलों के माध्यम से स्वरोजगार की गतिविधियों को बढ़ावा देने का काम भी साथ-साथ चलेगा। 28 अगस्त को ग्वालियर में राज्य स्तरीय रोजगार मेला प्रस्तावित किया गया है। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के माध्यम से बैंकों से स्वीकृत ऋण प्रकरणों के स्वीकृति पत्र वितरित करने के साथ हितग्राहियों से संवाद भी करेंगे। सभी जिलों में एक साथ कार्यक्रम होंगे। सरकार ने तय किया है कि रोजगार मेलों का आयोजन प्रतिमाह किया जाएगा।
रिक्त पदों पर पहले स्थाई और संविदा कर्मचारियों की हो नियुक्ति
उधर, रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने से पहले कर्मचारी संगठनों ने स्थाई और संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति करने की मांग की है। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के अध्यक्ष अशोक पांडे और संविदा अधिकारी-कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि नियमानुसार रिक्त पदों पर पहले स्थाई और संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाना है। संविदा कर्मचारियों के लिए प्रत्येक संवर्ग में बीस प्रतिशत पद आरक्षित करने का प्रविधान है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने रिक्त पदों पर स्थाई कर्मियों को नियमित करने या नियमित वेतनमान देने के निर्देश दिए हैं।