भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं के कारण आज समाज बेटियों को वरदान मानने लगा है। इसके साथ ही प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के साथ सामाजिक क्रांति भी हो रही है।

मुख्यमंत्री चौहान रविवार को सीहोर जिले की भैरूंदा तहसील के ग्राम पिपलानी में गोंड और कोरकू समाज के 425 से अधिक जोड़ों के सामूहिक विवाह सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सम्मेलन में नव-दम्पतियों पर पुष्प-वर्षा कर आशीर्वाद दिया और मुख्यमंत्री कन्या-विवाह योजना की राशि के चेक प्रदान किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि योजना के शुरू होने से राज्य स्तरीय सामूहिक विवाह सम्मेलन लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना से प्रदेश में लिंगानुपात के अंतर में काफी कमी आई है। योजना का प्रतिफल यह भी रहा कि अब प्रदेश में बेटियों को अभिशाप नहीं वरदान माना जा रहा है। बेटियाँ पढ़-लिखकर आत्म-निर्भर बन रही है और प्रदेश के विकास में सहभागिता कर रही है।

उन्होंने कहा कि इन बेटियो की शिक्षा का इंतजाम और उनके विवाह का खर्च भी राज्य सरकार उठा रही है। लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रभावी असर से अब बेटियों को बोझ नहीं माना जाता है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण के प्रावधान से प्रदेश की महिलाएँ सशक्त हुई हैं।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना भी गरीब बहनों की जिंदगी को बदल देगी। योजना में 23 से 60 वर्ष की बहनों को अब समाज एवं परिवार में मान-सम्मान के साथ जीवन जीने का अवसर मिलेगा। योजना में अब तक एक करोड़ 21 लाख बहनें फार्म भर चुकी हैं। प्रत्येक पात्र बहन को योजना का लाभ 1000 हजार रुपये जून माह से मिलना शुरू हो जाएगा।

53 करोड़ से अधिक के निर्माण कार्यों की दी सौगात
मुख्यमंत्री ने ग्राम पिपलानी में सीनियर अनुसूचित जनजाति छात्रावास, हायर सेकंडरी स्कूल सहित क्षेत्र की विभिन्न सड़कों के निर्माण के लिए 53 करोड़ रुपये से अधिक के निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन कर शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने गोंड समाज के आग्रह पर भैंरूदा में धर्मशाला निर्माण की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने “मामा की दुआएँ लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले” गीत की पंक्तियाँ गाकर बेटियों को विदाई दी। समारोह में पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल, सांसद रमाकांत भार्गव, विधायक सहित जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में गोंड और कोरकू समाज नागरिक उपस्थित थे।