उज्जैन। महाकाल मंदिर में भी भाई-बहन का त्यौहार रक्षाबंधन मनाया गया। यहां अलसुबह भस्म आरती के दौरान पुजारी परिवार की महिलाओं ने बाबा महाकाल को राखी अर्पित की और 21 हजार लड्डुओं का भोग भी लगाया। महाकाल को चांदी जड़ित राखी बांधी गई।

संजय पुजारी ने बताया कि रविवार को भस्म आरती में सबसे पहले बाबा का पंचामर्त अभिषेक और पूजन किया गया। आकर्षक श्रृंगार किए जाने के बाद नैवेद्य  में 21 हजार लड्डुओं का भोग लगाया, उसके बाद बाबा महाकाल को पंडे-पुजारी के परिवारों की महिलाओं ने राखी बांधी। महाकाल मंदिर में कोरोना गाइडलाइन ड के चलते श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश नहीं दिया गया।

महाकाल मंदिर के पास ही बड़े गणेश मंदिर के लिए देश और विदेशों से भी बहनों ने राखियां भेजी हैं। इनमें सिंगापुर, अमेरिका, लंदन, मुंबई, भोपाल, कोलकाता, जयपुर ,लखनऊ समेत कई शहर शामिल हैं। पंडित आनंद शंकर व्यास ने बताया कि भगवान गणेश के लिए राखियां इसलिए आती हैं, क्योंकि भगवान शिव और मां पार्वती को जगत माता-पिता माना जाता है। इस मान्यता से भगवान गणेश भाई हुए। 

मुंबई की राजकुमारी जैन ने सोने की गिन्नी वाली राखी भेजी थी। इस राखी को हर साल भगवान गणेश को अर्पित की जाती है। इसके साथ ही दुनिया की सबसे बड़ी राखी 51 फीट की भगवान गणेश को अर्पित की जाएगी।

रक्षाबंधन पर्व सावन मास की पूर्णिमा को मनाते हैं। मान्यता है कि इस दिन सबसे पहले भगवान को राखी बांधी जाती है, जिसके बाद विधि विधान के साथ बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं। हिंदू धर्म में आज के दिन भगवान गणेश, भोलेनाथ, श्रीकृष्ण और राम भक्त हनुमान को राखी बांधने की परंपरा है। 

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