जबलपुर । लोकायुक्त की टीम ने सिविल लाइन में पदस्थ उप निरीक्षक को पांच हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। एसआई ने धोखाधड़ी की प्रकरण में नाम हटाने तथा न्यायालय में शीघ्र चालान प्रस्तुत करने के लिए दस हजार की रिश्वत मांगी थी। एसआई रिश्वत की पहली किस्त लेते हुए लोकायुक्त टीम के हत्थे चढ़ गया।
डीएसपी सुलेखा परमार से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता जहांगीर खान निवासी टेडी नीम शास्त्री वार्ड पुराने वाहन खरीदने और बेचने का काम करता था। इस दौरान एक वाहन खरीदने पर सिविल लाइन पुलिस ने उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। प्रकरण की विवेचना एसआई विनोद दुबे कर रहा था। एसआई ने प्रकरण में उसका नाम हटाने तथा न्यायालय में शीघ्र चालान प्रस्तुत करने के नाम पर दस हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। इसके अलावा प्रकरण में धारा 420 का इजाफा करने की बात भी कही थी।
इस संबंध में जहांगीर ने लोकायुक्त से शिकायत की थी। लोकायुक्त ने जांच में शिकायत को सही पाया था। निर्धारित योजना के तहत शिकायतकर्ता को शुक्रवार की दोपहर रिश्वत की पहली किस्त पांच हजार देने सिविल लाइन थाने भेजा गया। सिविल लाइन थाने के बाहर जैसे ही एसआई ने रिश्वत की रकम लेकर रखी लोकायुक्त की टीम ने दबिश देकर उसे रंगेहाथ पकड लिया। लोकायुक्त ने आरोपी एसआई के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। उक्त कार्यवाही डीएसपी सुलेखा परमार के नेतृत्व में इंस्पेक्टर रेखा प्रजापति,इंस्पेक्टर भूपेंद्र सहित अन्य सदस्य शामिल थे।