जबलपुर, यशभारत। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा चार अलग-अलग मामलों में कलेक्टर देवास चन्द्रमौली शुक्ला को 14 जुलाई 2022 को आयोग में आकर अपना स्पष्टीकरण व प्रतिवेदन देने के आदेश दिये गये हैं। आयोग द्वारा श्री शुक्ला को कारण बताओ नोटिस एवं पांच हजार रूपये का नामजद जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। नोटिस एवं नामजद जमानती गिरफ्तारी वारंट की तामीली पुलिस अधीक्षक, देवास के माध्यम से कराई जायेगी।
आयोग के प्रकरण में कई पदीय स्मरण पत्र एवं नामजद स्मरण पत्र देने के बावजूद भी प्रतिवेदन न देने के कारण कलेक्टर देवास को आयोग में स्वयं उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
मालूम हो कि आयोग के प्रकरण के अनुसार एम.आई.जी. 18/2, त्रिलोक नगर, जिला देवास निवासी अनिल ठाकुर (पत्रकार) ने आयोग से त्रिलोक नगर गृह निर्माण संस्था के अध्यक्ष द्वारा पार्क की जमीन को परिवर्तित कर अपने रिश्तेदार को स्कूल के लिये जमीन दे देने की शिकायत कर संस्था अध्यक्ष एवं स्कूल संचालक के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने का अनुरोध किया था। त्रिलोक नगर गृह निर्माण संस्था जिला देवास निवासी ओमप्रकाश व अन्य ने आयोग से त्रिलोक नगर गृह निर्माण संस्था के अध्यक्ष द्वारा संस्था के सदस्यों के अधिकारों का शोषण करने की शिकायत कर उसके द्वारा संस्था के पैसों का दुरूपयोग रोकने, अध्यक्ष की संपत्ति की नीलामी कर रकम वसूली कर हुडको में ऋण की राशि का भुगतान कराये जाना का अनुरोध किया था, जिससे संस्था के 124 सदस्यों के मकानों की रजिस्ट्री कराई जा सके।
निजी मकान तोड़ा गया
प्रकरण के अनुसार लेबर कॉलोनी के सामने, देवास निवासी कुमारी राखी चौधरी पुत्री वासुदेव पटेल ने आयोग में अनुरोध पत्र भेजा कि उनके निजी मकान 201, हेवतराय मार्ग, छोटी पाथी राजबाड़ा के सामने, देवास को अवैधानिक रूप से तोड़े जाने के मामले में कमिश्नर नगर निगम देवास तथा तहसीलदार एस.डी.एम. द्वारा की गई अनुचित तथा अवैधानिक कार्यवाही की जांच कराकर उन्हें न्याय दिलाया जाये।
पानी निकासी की समस्या
इसी प्रकार ग्राम टोंककलां, वार्ड क्र. 19, जिला देवास निवासी सुश्री सुनीता व अन्य ने आयोग में उनके मोहल्ले/घरों में पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने, पानी के रोड पर फैलने के कारण मच्छरों के बड़ जाने, स्कूली बच्चों के गंदगी में गिर जाने पर भी ग्राम पंचायत सरपंच व अन्य अधिकारियों द्वारा भी इस संबंध में कोई भी कार्यंवाही नहीं किये जाने की शिकायत कर आयोग को संबंधित अधिकारियों को कार्यवाही करने का आदेश देने का अनुरोध किया था।
चारों ही शिकायतें मिलने पर आयोग ने कलेक्टर देवास चन्द्रमौली शुक्ला से प्रतिवेदन मांगने संबधी कई पदीय स्मरण पत्र भेजे, परन्तु प्रतिवेदन नहीं मिला। जिसके बाद कलेक्टर देवास को नामजद नोटिस जारी कर उन्हें 9 मई 2022 को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर प्रतिवेदन देने के लिये कहा गया था। यह सभी नामजद नोटिस उन्हें मिल भी गये, परन्तु उनके द्वारा न तो प्रतिवेदन दिया गया और न ही वे 9 मई को आयोग के समक्ष उपस्थित हुये। इस पर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाने सम्बन्धी नामजद कारण बताओ नोटिस देकर उन्हें 14 जुलाई 2022 को आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से आकर अपना स्पष्टीकरण (जवाब) देने के आदेश दिये गये हैं। श्री शुक्ला की 14 जुलाई 2022 को आयोग में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उनके विरूद्ध पांच हजार रूपये का नामजद जमानती गिरफ्तारी वारण्ट भी आयोग द्वारा जारी किया गया है। इस नोटिस एवं गिरफ्तारी वारंट की तामीली पुलिस अधीक्षक, देवास के जरिये कराई जाएगी।