छतरपुर: सिर पर कलश रखकर धीरेंद्र शास्त्री से विवाह करने का संकल्प लेकर गंगोत्री से निकली MBBS छात्रा शिवरंजनी तिवारी सुर्खियों के बाद अब विवादों में घिर गई हैं. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अपना प्राणनाथ मान चुकी शिवरंजनी तिवारी के खिलाफ भगवा का अपमान करने के आरोप लगे हैं. छतरपुर में बद्वीनाथ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के मीडिया प्रभारी डां.शैलेंद्र योगीराज ने उनके खिलाफ ये आरोप लगाए हैं.
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के मीडिया प्रभारी डॉ. शैलेंद्र योगीराज ने कहा कि भगवा त्याग का प्रतीक है. भगवा तब पहना जाता है, जब गुरु इसकी इजाजत देता है लेकिन वह भगवा वस्त्र धारण कर अपने प्राणनाथ की तलाश मे निकली हैं ,जिससे वह भगवा का अपमान कर ही हैं. वह MBBS की छात्रा हैं. उन्हें पढ़ाई करना चाहिए और सनातन धर्म का कार्य करना चाहिए लेकिन वह यह काम करके भगवा वस्त्र का अपमान कर रही हैं. इसे बर्दाशत नहीं करेंगे.
बता दें कि शिवरंजनी ने छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री से शादी करने का संकल्प लिया है. वह MBBS की छात्रा होने के साथ-साथ कथावाचक भी हैं. शादी के संकल्प लेकर शिवरंजनी गंगोत्री से कलश लेकर निकली थीं. 14 जून को वह छतरपुर जिले की सीमा मे प्रवेश कर गईं. धाम पहुंचने से पहले ही शिवरंजनी की तबियत खराब हो गई. इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी जांच की. प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें आराम करने की सलाह दी गई.
शिवरंजनी सिवनी जिले की रहने वाली हैं और कथावाचक के साथ-साथ भजनगायिका भी हैं. 4 साल की उम्र से उन्होंने भजन गाना शुरू कर दिया था. वे धीरेंद्र शास्त्री को प्राणनाथ कहती है. इसके अलावा खुद को जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के परिवार का सदस्य बताती हैं.