सिंगरौली। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक जनपद पंचायत के सीईओ को आज मंच से ही तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए कहा कि जनहित के कार्यों में लापरवाही, गड़बड़ी या भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं है।   चौहान ने ‘जनकल्याण और सुराज अभियान’ के अंतर्गत जिले के चितरंगी से ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत कुल 1663.13 करोड़ के कार्यों का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पास शिकायत आई है कि जनपद पंचायत में राशि जो किस्त की डलती है, उसके अलावा भी कुछ मांग की जा रही है। इस पर उन्होंने जनपद पंचायत के सीईओ को मंच से ही तत्काल प्रभाव से हटा दिया।

  मुख्यमंत्री ने कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए कहा कि चितरंगी में आज जनजातीय भाइयों के बीच उनके परंपरागत नृत्य में सम्मिलित होकर एक नवीन ऊर्जा एवं अप्रतिम आनंद की अनुभूति हुयी। प्रकृति के सच्चे सेवक और रक्षकों से हम यह सीख सकते हैं कि अनेक चुनौतियों के बीच भी हम जीवन में कैसे उल्लास एवं उत्साह का रंग भर सकते हैं। उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता अब सरकार नीलाम नहीं करेगी, वन समिति नीलाम करेंगी। पूरा पैसा गरीब आदिवासियों के पास जाएगा।

  चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को नि:शुल्क बालू दी जायेगी, ताकि गरीब भी अपना मकान आसानी से बना सकें। उन्होंने कहा कि जल, जमीन, जंगल सब अपने हैं। जंगल काटना नहीं है, इनको बचाकर रखना है। हमने यह तय किया कि वनोपज को चाहे महुआ, चिरौंजी, करंज का बीज, लाख आदि मिट्टी के मोल नहीं बिकने देंगे, हम उनको न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेंगे।

  उन्होंने कहा कि हम नई योजना बना रहे हैं ‘मुख्यमंत्री भू-अधिकार योजना’ जिसके पास रहने के लिए जमीन की कमी पड़ रही है, परिवार बड़ा है। ऐसे परिवारों को अलग से पट्टा दिया जाएगा। जमीन दी जाएगी।

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