बीजेपी सरकार लाडली बहना का शुभारंभ कर रही है। कांग्रेस ने नारी सम्मान योजना की घोषणा की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 10 जून को जबलपुर से ही लाडली बहना योजना शुरू कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस भी अपनी महिला नेत्री प्रियंका गांधी के माध्यम से नारी सम्मान योजना का आगाज कराने के मूड में है। जबलपुर, सिर्फ एक शहर नहीं है। यहां एक अलग संस्कृति विद्यमान है।

मध्य प्रदेश का महाकौशल प्रांत यानि जबलपुर राजनीतिक बुनियाद प्रमुख स्तंभ है। हालांकि सत्तारूढ़ बीजेपी के पूरे शासनकाल को देख लिया जाए तो महाकौशल को वह सब नहीं मिला, जितना डेढ़ साल की कांग्रेस सरकार में मिला। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार ने जबलपुर संभाग को परोपकृत करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। इसके पीछे कारण भी यही था कि स्वयं कमलनाथ जबलपुर संभाग का प्रतिनिधित्व करते हैं। अब यही जबलपुर फिर चर्चा का विषय बना है।

12 जून को प्रियंका गांधी आ रहीं जबलपुर
कांग्रेस की तेजतर्रार नेत्री पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी 12 जून को यहां आ रही हैं। खास बात यह है कि प्रदेश में पहली राजनीतिक रैली के लिए प्रियंका ने जबलपुर का चयन किया है। जबलपुर इस मायने में खास है क्योंकि जबलपुर से पूर्वी मध्य प्रदेश, पूर्वोत्तर के विंध्य क्षेत्र तक प्रभाव है। जबलपुर महाकौशल का केंद्र है, जहां बड़ी संख्या में जनजातीय आबादी है।

28 नवंबर 2018 को हुए विधानसभा चुनाव में जबलपुर संभाग में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 13 सीटों में से कांग्रेस ने 11 सीटों पर जीत गई। अब प्रियंका गांधी 12 जून को ‘संकल्प 2023’ अभियान की शुरुआत यहीं से करने जा रही हैं। महाकौशल क्षेत्र के जबलपुर संभाग में – जबलपुर, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी और छिंदवाड़ा सहित आठ जिले आते हैं।

महाकौशल में हैं 38 सीटें
वहीं, महाकौशल में कुल 38 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 13 रिजर्व हैं। 2018 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 24 सीटें, बीजेपी 13 और एक सीट पर कांग्रेस से बागी हुए निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी। तब राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी थी। वहीं, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो यहां पर बीजेपी ने 24 सीटें जीती थीं, कांग्रेस महज 13 सीटों में सिमटी थी। बीजेपी ने सरकार बना ली थी।

विंध्य पर भी नजर
जबलपुर के नजदीक ही विंध्य क्षेत्र भी है। साल 2018 के चुनावों में बीजेपी ने 24 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस केवल छह सीटें की जीत पाई। मध्य प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में 230 सदस्यीय सदन में कांग्रेस 114 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी, जबकि बीजेपी ने 109 सीट पर जीत हासिल की थी।हालांकि करीब डेढ़ साल बाद ही कांग्रेस ने कमलनाथ सरकार गिर गई। बीजेपी सत्ता में आई और शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हुआ।

आधी आबादी पर फोकस
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब महाकौशल खोना नहीं चाहते, इसलिए वे 10 जून से लाडली बहना योजना शुरू कर रहे हैं। जगह, उसी जबलपुर को चुना है, जहां पर वे फिर 2013 जितनी सीटें पाने की उम्मीद कर बैठे हैं। लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं को पहली राशि 10 जून को ही खाते में आ जाएगी।

वहीं, कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी इसके दो दिन बाद ही ‘नारी सम्मान योजना’ का ऐलान करेंगी। महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपए, 500 रुपए में रसोई गैस, किसानों की कर्जमाफी, सरकारी कर्मचारियों को पेंशन, 100 यूनिट तक बिजली बिल फ्री सहित कई घोषणाएं करेंगी। प्रियंका गांधी के पहली बार महाकौशल दौरे से कांग्रेस में उत्साह देखा जा रहा है। खास बात यह है कि जबलपुर संभाग के छिंदवाड़ा जिले से प्रतिनिधित्व करने वाले कमलनाथ पिछली सरकार में मुख्यमंत्री रह चुके हैं और भावी मुख्यमंत्री के तौर पर भी उनका चेहरा आगे किया जा रहा है।

धर्म-कर्म पर फोकस
अमूमन बीजेपी की तरफ से गांधी परिवार के धर्म पर सवाल खड़े किए जाते हैं। इसका जवाब देने के लिए प्रियंका कसर नहीं छोड़ना चाहतीं। जबलपुर में वे ग्वारीघाट में नर्मदा की महाआरती में शामिल होंगी।

बीजेपी पर उपेक्षा के आरोप
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी ने हमेशा से ही जबलपुर को उपेक्षा दी है। 18 साल की सरकार के दौरान कोई भी बड़ा मंत्री इस क्षेत्र ने नहीं बनाया। वहीं, 2018 चुनाव जीतने के बाद 15 महीने की सरकार में मुख्यमंत्री सहित विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष, जबलपुर शहर में ही दो मंत्री थे। एक वित्त मंत्री भी दिया। जबकि बीजेपी ने साल 2013 के चुनावों में सिर्फ एक मंत्री दिया। वर्तमान सरकार में भी सिर्फ एक ही राज्यमंत्री है। इस कारण बीजेपी अपने ही नेताओं का अंदरखाने विरोध झेल रही है।यही कारण है कि अब प्रियंका गांधी साल 2018 के प्रदर्शन को दोबारा दोहराने उत्साह भरने आ रही हैं। वहीं, लाडली बहना योजना लांच करके शिवराज भी यहां की जनता में विश्वास भरने की कोशिश कर रहे हैं।