भोपाल । मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार पूरी तरह आदिवासी विरोधी है। अपने 18 साल के कार्यकाल में चौहान ने जानबूझकर ऐसी योजनाएं बनाई, जिनसे आदिवासी समाज का शोषण हो और उनको मिलने वाली सुविधाएं छिन जाए। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने आज संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।

पटवारी ने कहा कि 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मध्य प्रदेश सरकार ने आदिवासी गौरव दिवस मनाने का तमाशा किया। पटवारी ने कहा कि इस तरह के तमाशा से शिवराज सरकार का आदिवासी विरोधी चेहरा छुप नहीं सकता।

उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान बताएं कि अपने 18 साल के कार्यकाल में आदिवासी बहुल जिलों में उन्होंने क्या किया? वह बताएं कि आदिवासियों के महानायक रघुनंदन शाह और शंकर शाह के नाम पर प्रचलित पुरस्कारों को उन्होंने क्यों बंद किया? रानी दुर्गावती ऋण योजना को शिवराज सरकार ने क्यों बंद किया? अनुसूचित जनजाति वित्त विकास आयोग को अधिकारविहीन बनाने के पीछे उनकी आदिवासी विकास की क्या रणनीति है?

पटवारी ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान पेसा एक्ट को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन वह बताएं कि 1996 से लागू पेसा एक्ट के नियम उन्होंने क्यों नहीं बनाए? और पेसा एक्ट की अनुशंसा को लागू होने से आज तक क्यों रोकते रहे।

पटवारी ने नीति आयोग की ओर से जारी गरीबी सूचकांक का उल्लेख करते हुए कहा कि अब तो नरेंद्र मोदी जी ने भी शिवराज सिंह चौहान के सरकार का पर्दाफाश कर दिया है। मध्य प्रदेश की 37 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे है और देश में गरीबी के मामले में प्रदेश चौथे नंबर पर है। अलीराजपुर जैसे आदिवासी बहुल जिलों में 71 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे है। झाबुआ, बड़वानी, डिंडोरी, सीधी, सिंगरौली जिलों में गरीबों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक है। बुंदेलखंड के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, सागर और दमोह में 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक आबादी गरीबी रेखा के नीचे है।

पटवारी ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश को बलात्कार में नंबर वन, भ्रष्टाचार में नंबर वन, आदिवासियों पर अत्याचार में नंबर वन, किसान आत्महत्याओं में नंबर वन, विधायक खरीदी में नंबर वन, झूठ बोलने में नंबर वन और झूठी घोषणा करने में नंबर वन बना दिया है।पटवारी ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान को अब पूरे प्रदेश में आंखंें खोलो यात्रा करनी चाहिए। और वहां जाकर अपनी झूठी घोषणाओं के बारे में बताना चाहिए ताकि जनता को पता चले कि जो काम उनके गांव में हुआ ही नहीं है, उसके पूरा होने की घोषणा भी शिवराज सिंह चौहान कर चुके हैं।
पटवारी ने कहा कि विधानसभा में आदिवासियों से जुड़े मुद्दे पर 4000 से ज्यादा प्रश्न पूछे गए, लेकिन शिवराज सिंह चौहान किसी भी विषय पर संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके।

पटवारी ने कहा कि आदिवासी अत्याचार के साथ ही हमें एक बात पर और ध्यान देना है कि मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर ना आ सके। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि सभी लोग वैक्सीन लगवाने में कोताही ना बरतें और इस मामले में सरकार को पूरा सहयोग दें। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की लहर में 90 प्रतिशत गलती केंद्र और राज्य सरकार की थी जिसके कारण लाखों लोगों की मौत हो गई। लेकिन 10 प्रतिशत जिम्मेदारी नागरिकों को भी निभानी है, ताकि कोरोना की तीसरी लहर ना आ सके।पटवारी ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार तत्काल अपना आदिवासी  विरोधी रवैया बंद करे। कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को जनता के बीच लेकर जाएगी।