ग्वालियर। मध्यप्रदेश की भाजपा की शिवराज सरकार को यूपी की योगी सरकार से सीखना चाहिये। योगी सरकार ने कल ही यूपी में पांच साल के वाहन चालान माफ कर दिये हैं। इन चालानों में कोविड काल के दौरान हुये चालान भी शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार के इस निर्णय से पूरे यूपी की जनता में एक सकारात्मक मैसेज गया है और सरकार की वाह-वाह हो रही हैं। लेकिन मध्यप्रदेश में अभी तक चालान माफ नहीं किये गये हैं। जबकि कोविड काल के दौरान के चालानों को माफ करने की मांग पूरे प्रदेश में उठी थी। मध्यप्रदेश में ग्वालियर सहित भोपाल, इंदौर, जबलपुर सहित अन्य छोटे बड़े शहरों में वाहन चालानों की मार आम जनता पर सबसे ज्यादा हैं। कोविड काल में तो चालानों को काटने का काम कर रही स्मार्ट सिटी कारपोरेशन के ठेका कारिंदों ने तो अति ही कर दी हैं। उन्होंने कोविड काल में चालानों को काट-काट कर बुरी तरह उगाही की है, जबकि कोविड काल में अस्पताल या चिकित्सकों को दिखाने जा रहे लोगों को भी परेशान किया गया हैं।राज्य सरकार ने इन चालानों के संदर्भ में अभी तक निर्णय नहीं लिया हैं और पूरे प्रदेश भर में एक लाख से उपर के चालान केस पेंडिंग हैं। ग्वालियर में ही यह चालान केस पेंडिंग का मामला 5 हजार से भी उपर पहुंच चुका है। आम आदमी जरा सी वाहन चलाते समय गलती या स्मार्ट सिटी के कैमरों द्वारा भेजे गये चालानों पर 500 रूपये भरने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। कई लोग तो ऐसे हैं जिन्हें एक माह में 4-5 चालान भेज दिये गये हैं। इस मामले में अब राज्य सरकार को भी यूपी की तर्ज पर शीघ्र निर्णय लेना चाहिये। हाईकोर्ट एडवोकेट प्रखर गोयल ने भी इस संदर्भ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखकर कोविड काल के दौरान हुये चालानों को माफ करने का आग्रह किया है।