भोपाल । वर्तमान में कोई वेदर सिस्टम सक्रिय नहीं है। हवाओं का रुख भी उत्तरी, उत्तर-पूर्वी होने लगा है। इसके चलते रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक नौ नवंबर को एक पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में प्रवेश करने की संभावना है। इसके प्रभाव से हवाओं का रुख बदलने से तापमान में मामूली बढ़ोतरी होने लगेगी। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने पर एक बार फिर उत्तर भारत से सर्द हवाएं चलने लगेंगी। इससे 15 नवंबर के आसपास पूरे प्रदेश में रात के तापमान में तेजी से गिरावट आने की संभावना है।

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि फिलहाल कोई वेदर सिस्टम मौजूद नहीं है। हालांकि अरब सागर में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण आ रही नमी से दो से तीन किलोमीटर की ऊंचाई पर आंशिक बादल बने हुए हैं। बादलों के काफी ऊंचाई पर बने रहने से वर्तमान में मौसम के मिजाज पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। शुक्ला के मुताबिक अभी दो दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहेगा। नौ नवंबर के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। इससे हवाओं का रुख बदलने से न्यूनतम तापमान में मामूली बढ़ोतरी हाने लगेगी।

हालांकि इस सिस्टम की आवृति काफी कमजोर है। इसके चलते उत्तर भारत में बर्फबारी होने की संभावना कम है। एक-दो दिन सक्रिय रहने के बाद यह सिस्टम आगे गुजर जाएगा। इसके बाद फिर हवाओं का रुख उत्तरी होने से एक बार फिर न्यूनतम तापमान में तेजी से गिरावट होने की संभावना है। 15 नवंबर से मध्यप्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ने की शुरूआत भी हो सकती है।

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