भोपाल। महाराष्ट्र में कुछ विधायकों ने शिवसेना के खिलाफ बगावत कर दी है। इस पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह तो होना ही था। सत्ता की भूख और कुर्सी से चिपकने की वजह से यह हालात बने हैं। सिंधिया का बयान महत्व रखता है क्योंकि 2019 में महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने वाली स्क्रीनिंग कमेटी का नेतृत्व उन्होंने ही किया था। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि कमलनाथ ऑब्जर्वर बनकर जा रहे हैं। देख लेना कि वे बंटाढार करते ही लौटेंगे।
ग्वालियर में पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में बनी आघाडी सरकार पूरी तरह विचलित हो चुकी है। इनमें न तो विचारधारा है, न सिद्धांत है और न ही सोच है। न ही आगे बढ़ने की कोई कार्यशैली है। यह केवल सत्ता की भूख और कुर्सी से चिपके रहने के लिए बनी है। इन पार्टियों की दरार अब सामने आ गई है। यह दरार आज की नहीं है उस दिन से है जब यह सरकार बनी थी। अब विधान परिषद के चुनावों के बाद खलबली मची हुई है।
सिंधिया ने यह भी कहा कि न तो यह स्तर है और न ही यह सरकार स्थिर है। न ही इनका तीसरा दल स्थिर है। इनमें आपस में तालमेल तक नहीं है। इनकी न कोई विचारधारा है, तो ऐसे में यह स्थिति जरूर उत्पन्न होनी ही थी। हम एक स्थिर राज्य के पक्ष में है। अगर वे संभाल सकते हैं तो संभालें, वरना हटे। अब जिम्मेदारी उनकी है। एक स्थिर सरकार महाराष्ट्र में स्थापित हो। हम केवल स्थिर सरकार पर भरोसा करते हैं। हमारी केंद्र में स्थिर सरकार है और राज्य में भी स्थिर सरकार है। मध्य प्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि अभी मैं समाचारों में देख रहा था कि कमलनाथ को ऑब्जर्वर बनाकर भेजा है। यहां तो विधायक उनकी सुनते नहीं है। मप्र का कोई विधायक कमलनाथ की सुनता नहीं है। मुझे लगता है कि महाराष्ट्र में भी वे बंटाढार करके ही लौटेंगे।