अशोकनगर। रविवार को केन्द्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अशोकनगर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे किया बाद में उन्होंने अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित कर राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ के हालातों से निबटने के निर्देश दिए। इस दौरान सांसद डॉ.केपी यादव, प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, राज्यमंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, जिलाध्यक्ष उमेश रघुवंशी, विधायक जजपाल सिंह जज्जी, कलेक्टर अभय वर्मा, पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया तथा संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

सिंधिया ने जिले के मुंगावली, बहादुरपुर, अशोकनगर एवं शाढ़ौरा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हैलीकाप्टर द्वारा हवाई सर्वे किया। हवाई सर्वे के दौरान जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर उनके साथ थे। बाद में उन्होंने शासकीय नेहरू महाविद्यालय में समीक्षा बैठक आयोजित की। इस दौरान उन्होंने कलेक्टर, एसपी से बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी ली एवं कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का आंकलन कराया जाएगा। नुकसानी आंकलन के पश्चात राहत एवं पुर्नवास के लिए केन्द्र  एवं राज्यव शासन द्वारा  प्रभावितों को हरसंभव मदद  दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए शासन प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ कार्य कर रहा है। जिले में अतिवर्षा से आई बाढ़ के कारण लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में सभी का सहयोग रहा है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एयरफोर्स, आर्मी तथा आपदा प्रबंधन की टीम द्वारा राहत एवं बचाव में अपनी पूर्ण क्षमता के साथ लोगों राहत कैंपों तक पहुंचाने में अपने दायित्वों का निर्वहन किया गया।

बैठक में सांसद डॉ. केपी यादव ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सीलन होने से मकानों का गिरना जारी है, इसका सर्वे निरंतर चलता रहे। साथ ही नदी किनारे के गांवों में फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। इन क्षेत्रों में 100 प्रतिशत नुकसानी दर्ज कराई जाए। उन्होंने कहा कि मेडिकल टीम प्रभावित क्षेत्रों में सतत रूप से पहुंचे जिससे महामारी न फैलने पाए।

बैठक में श्री सिंधिया ने निर्देशित किया कि जिले का डेस बोर्ड तैयार किया जाए। उस डेस बोर्ड में जिले की नदियां, तालाब, बांध के पानी का लेबल प्रदर्शित होना चाहिए। साथ ही 48 घंटों में मौसम  का पूर्वानुमान का मैपिंग भी हो। डेस बोर्ड में बाढ़ से प्रभावित वर्तमान स्थिति तथा जरूरत क्या है। कितने लोग बाढ़ से प्रभवित होकर बेघर हुए हैं, कितने लोग राहत कैंपों में शरण लिए हुए हैं। प्रभावित लोगों को अन्न की व्यवस्था किस प्रकार की जा रही है। उसकी जानकारी डेस बोर्ड पर अपलोड की जाए। साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली की व्यवस्था पूर्ण सर्तकता के साथ शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किए जाने संबंधी कार्यों का विवरण प्रदर्शित किया जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ प्रभावित ग्रामों स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जिस गांव में स्वास्थ्य शिविर आयोजित हो उसकी जानकारी डेस बोर्ड पर प्रदर्शित की जाए। उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देशित किया कि बाढ से प्रभावित ग्रामों एवं वार्डों में हैण्डपंप एवं नलजल योजनाएं प्रभावित हुए है उनका सुधार किस प्रकार कराया जा रहा है। उसकी जानकारी डेस बोर्ड पर हो यह सुनिश्चित किया जाए। बैठक में श्री सिंधिया ने निर्देशित किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में व्याक्तिगत क्षति के अंतर्गत मकान, पशुधन, फसल तथा अन्न सामग्री के नुकसान का आंकलन किया जाए। इसी प्रकार शासकीय क्षति के अंतर्गत पुल, पुलियों, तालाब, डेम,सड़क, विद्युत पोल ट्रांसफार्मर एवं शासकीय भवनों का आंकलन हो यह सुनिश्चित किया जाए।

बैठक में कलेक्टर अभय वर्मा ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किए गए बचाव एवं राहत कार्यों के बारे में बताया कि जिले में 14 ग्राम बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित हुए हंै। बाढ़ में फंसे 539 लोगों को सकुशल निकाला गया है। बाढ संभावित क्षेत्रों से 1523 व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। जिले में 10 राहत शिविर लगाए गए हैं, इन शिविरों में 539 व्यसक्तियों को रखा गया है। इन शिविरों में व्यवस्थाएं कराई जा रही हंै। बाढ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ की 2 टीमें, एसडीईआरएफ की 4 टीमें तथा आर्मी के 100 जवान कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि वर्षाकाल के दौरान जिले में अभी तक 2 जनहानि, 6 पशुहानि तथा 555 मकानों के क्षतिग्रस्त होने का आंकलन किया गया है।

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