भोपाल । भोपाल के अग्रवाल कंस्ट्रक्शन और सेज एजुकेशन ग्रुप पर टैक्स चोरी के चलते इंदौर, भोपाल और रायसेन के एक दर्जन ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापे डाले हैं।
आयकर विभाग इन छापों के बाद अग्रवाल कंस्ट्रक्शन और सेज एजुकेशन ग्रुप की बड़ी आयकर चोरी का खुलासा कर सकता है। इस ग्रुप की भोपाल और इंदौर में युनिवर्सिटी है। दोनों के दफ्तर पर छापे की कार्यवाही चल रही है। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों एक मीडिया ग्रुप पर पड़े छापों में इनके पास अकूत संपत्ति होने के सुराग मिले थे।
बताया जाता है कि आज सुबह करीब 6.30 बजे आयकर विभाग की टीम इस ग्रुप से जुड़े संजीव अग्रवाल के अरेरा कॉलोनी ई- 2/134 स्थित घर सहित एमपी नगर जोन 2 में स्थित अग्रवाल कंस्टक्शन कंपनी के दफ्तर के साथ ही सेज यूनिवर्सिटी, सेज स्कूल अयोध्या बॉयपास और दानिश कुंज कोलार रोड पर छापे डाले गए। इस ग्रुप के कॉलेज के विभिन्न ठिकानों पर छापे डाले। खबर लिखे जाने तक इन सभी जगहों पर लेन देन का हिसाब रखने वाले कई कम्प्यूटर और लिखित दस्तावेज आयकर विभाग ने अपने कब्जे में ले लिए हैं और उनको खंगाला जा रहा है। वहीं रायसेन जिले में इस ग्रुप की दो फैक्ट्री हैं, यहां पर भी आयकर विभाग की टीम पहुंची है। यहां पर भी कम्प्यूटर और दस्तावेज चेक किये जा रहे हैं। इसी तरह इंदौर में भी इस ग्रुप की यूनिवर्सिटी पर आयकर विभाग का छापा है।
करोड़ों की टैक्स चोरी की आशंका
सूत्रों की मानी जाए तो अग्रवाल कंस्ट्रक्शन और सेज ग्र्रुप पर करोड़ो रुपए की टैक्स चोरी की आशंका आयकर विभाग को है। इसके चलते विभाग के आला अफसरों ने मंगलवार को इस संबंध में बैठक की। यह बैठक देर रात तक चलती रही। इसके बाद छापे कितने बजे से शुरू करना है यह तय हुआ। आज सुबह 6.30 बजे अगल-अलग टीम इस ग्रुप के ठिकानों पर पहुंची और छापे की कार्यवाही शुरू की। खबर लिखे जाने तक छापे की कार्यवाही जारी थी।
भारी पुलिस बल साथ
आयकर विभाग ने छापे डालने से पहले जिला पुलिस बल भी अपने साथ लिया। भोपाल में 50 से ज्यादा पुलिस जवान आयकर विभाग की छापा डालने गई टीम के साथ मौजूद हैं। इनमें से कुछ सशस्त्र जवान भी हैं। ंवहीं आयकर विभाग की टीम के पहुंचने के कुछ देर बाद यूनिवर्सिटी और स्कूल का स्टॉफ आने लगा। आयकर विभाग के अफसरों ने स्टॉफ के सभी लोगों के आईडी कार्ड देखे उसके बाद उन्हें अंदर जाने दिया गया। इनके मोबाइल फोन भी आयकर विभाग के अफसरों ने वहीं पर एक जगह रखवा लिए हैं।
संजीव अग्रवाल के प्रोजेक्ट्स में करोड़ों रुपए की काली कमाई इन्वेस्ट करने वाले बेनामी चहरे भी जल्द ही उजागर होने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक अग्रवाल बंधु 25 साल पहले बहुत ही साधारण व्यवसायी थे एक मीडिया समूह के छापों में मिले दस्तावेजों के आधार पर विश्लेषण किया जा रहा था तब इस बात के सबूत मिलने लगे थे कि अग्रवालों कई आईएएस अफसरों और नेताओं की काली कमाई को सफेद करते हुए तेजी से कारोबार फैला रहे हैं। इस कार्रवाई के बाद इन काले कुबेरों का भी जल्द ही खुलासा होने के आसार हैं।