तीन लाख की रिश्वत लेते सीबीआई के हत्थे चढ़े पूर्वोत्तर रेलवे के प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक (पीसीएमएम) केसी जोशी के ठिकानों से करीब 2.64 करोड़ की नगदी बरामद की गई है। गोरखपुर से नोएडा तक एक साथ हुई कार्रवाई में भ्रष्टाचार से जुड़े दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। आरोपी अफसर का मोबाइल फोन, फाइलें और हार्डडिस्क को सीबीआई ने कब्जे में ले लिया है। यह कार्रवाई रेलवे को सामग्री आपूर्ति करने वाली गोरखपुर की एक फर्म की शिकायत पर की गई।
राजघाट थाना क्षेत्र के अलहदादपुर निवासी प्रणव त्रिपाठी ने सीबीआई के एंटी करप्शन ब्रांच, लखनऊ के एसपी से 9 सितंबर को शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि उनकी फर्म सूक्ति एसोसएिट जेम पोर्टल पर पंजीकृत है। उनकी फर्म को रेलवे मे आपूर्ति का एक ठेका मिला है, जिसकी वैधता 15 जनवरी 2024 तक है। प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक ही पूर्वोत्तर रेलवे में खरीद और आपूर्ति के सर्वेसर्वा हैं। उन्होंने उनकी फर्म का जेम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए लिख दिया है। उन्होंने धमकी दी है कि सात लाख रुपये रिश्वत नहीं दी तो जेम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के साथ चालू टेंडर भी रद्द करा देंगे।
शिकायत दर्ज कर सीबीआई ने प्राथमिक छानबीन की। भ्रष्टाचार का मामला पुख्ता होने के बाद सीबीआई की दो टीमें मंगलवार की शाम को गोरखपुर और एक टीम नोएडा पहुंची। गोरखपुर में योजना के मुताबिक घूस के तीन लाख रुपये लेकर प्रवण को पीसीएमएम के कौवाबाग स्थित सरकारी आवास पर भेजा और कुछ ही देर में सीबीआई अफसर भी जा पहुंचे। यहां अफसरों ने तीन लाख रुपये नकदी बरामद करते हुए केसी जोशी को बैठा लिया।
इसके बाद सीबीआई टीम आवास से लेकर कार्यालय पर छानबीच में जुट गई। रातभर चली कार्रवाई के बाद एक टीम केसी जोशी को लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो गई जबकि दूसरी टीम कार्यालय में दिन में दो बजे तक फाइलें और कंप्यूटर खंगालती रही। इस दौरान डिपो से भी फाइलें मंगाई गईं। कार्यालय में उधर, नोएडा के सेक्टर 50 स्थित केसी जोशी के मकान में भी सीबीआई ने तलाशी शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि 2.61 करोड़ की नकदी नोएडा स्थित घर से बरामद हुई है।