यूनिसेफ और राज्य शिक्षा केंद्र की सहयोगी संस्था राइज़िंग आर्यवर्त वेलफेयर सोसाइटी (रॉस ) द्वारा शाला स्वच्छता कार्यक्रम ग्वालियर एवं घटीगांव में संचालित किया जा रहा है । इसी के अंतर्गत आज रॉस संस्था द्वारा यूनिसेफ के मार्गदर्शन में आंगनवाड़ी केंद्र वीरपुर माहवारी स्वच्छता प्रबंधन दिवस का आयोजन किया गया । यह आयोजन किशोरियों में, समुदाय में , बालकों में सभी में महावारी को लेकर जागरूकता लाने और महावारी के संबंध में जो चुप्पी साधी जाती है उसको तोड़ने के लिए मनाया जाता है। वैश्विक स्तर पर अच्छे माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के महत्व को उजागर करने के लिए 28 मई को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन दिवस एक वार्षिक जागरूकता दिवस है । इसे 2014 में जर्मन स्थित एनजीओ डब्ल्यू ए एस यूनाइटेड द्वारा शुरू किया गया था।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित समुदाय और किशोर किशोरियों को रॉस संस्था प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि यह किशोरावस्था पार कर नव यौवन में प्रवेश करने वाली सामान्यतः10 से 16 वर्ष की लड़कियों के शरीर में होने वाला एक हार्मोनल परिवर्तन है जो चक्र के रूप में प्रतिमाह 28 से 35 दिन की अवधि में 1 बार 3 से 5 दिन के लिए रक्त स्त्राव होता है। जिसे महावारी या मासिक धर्म कहते हैं।
साथ ही यहां समझाइश भी दी गई कि इस समय सफाई का विशेष ध्यान रखना आवश्यक होता है क्योंकि रक्तस्त्राव के समय सफाई न होने से बैक्टीरिया के संक्रमण की संभावना होती है।
रंगोली के माध्यम से भी इस संबंध में जागरूकता लाने का प्रयास किया गया साथ ही सेनेटरी पैड का वितरण भी इस अवसर पर किया गया। इस अवसर पर उन भ्रांतियों को भी तोड़ा गया जो लंबे समय से हमारे समुदाय में हमारे समाज में फैली हुई है। जैसे महावारी के दौरान कई बातों पर अंकुश लगाया जाता है । अतः यह बताया गया कि महावारी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इस दौरान Raws से योगेश कुमार ,महेश दत्त पाठक , डा तनु सूर्या, महिला एवं बाल विकास से सुपरवायजर श्रीमती उषा पांडेय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती मनोरमा कुशवाह,किशोरी बालिकाएं एवं महिलाएं आदि उपस्थित थे