रीवा। महीनों पापड़ बेलने के पश्चात मुख्यमंत्री की लाखों लाड़ली बहना अभी भी योजना का लाभ लेने से बंचित रह सकती हैं। वजह आधार में बैंक मैपिंग न होना और खाते में डीबीटी की स्थिति सक्रिय न होना है। प्रधानमंत्री की जीरो टॉलरेंस योजनांतर्गत जन धन के खाते तो सभी ने खोलवा लिया था, उसके बाद खाता जीवित कैसे रहता है जानकारी के अभाव में न तो कभी उनमें पैसे जमा किए गए न निकाले गए। ऐसी स्थिति में ऐसे खाते मृत हो चुके हैं। जिनमे किसी प्रकार का ट्रांसजेक्सन असंभव है। शायद ग्रामीण क्षेत्र की अशिक्षित और कम पड़ी लिखी महिलाओं को यह जानकारी नही है।
यद्यपि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिरमौर युक्ति शर्मा ने सरपंच, सचिव रोजगार सहायकों को खाता डीबीटी कराने को प्रेरित करने को कहा है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पहल कितनी सफल होती है, योजना से छूटने वाली कितनी बहने डीबीटी करा पाती हैं, यह बाद में पता चलेगा। बहरहाल श्रीमती शर्मा की पहल स्वागत योग्य है।