देवास। देवास नेमावर में जघन्य हत्याकांड का मामला सामने आया है। आदिवासी वर्ग के कोरकू समाज के इस परिवार के पांच लोगों की हत्या कर शव दस फीट गहरे गड्‌ढे में दफना दिए गए। शवों पर खाद और नमक डाल दिया गया ताकि जल्दी गल जाएं। सभी शव कंकाल में तब्दील हो चुके हैं। परिवार 47 दिन से गायब था। मामले में पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लेकर कंकाल फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे हैं। पुलिस के मुताबिक इस हत्याकांड के पीछे अफेयर की बात सामने आ रही है। खेत के मजदूर ने यह खुलासा किया था। यह भी बात सामने आई है कि मौत के बाद आरोपी ही लड़की का मोबाइल चलाकर सकुशल होने के मैसेज डालता रहा। लेकिन जब पुलिस ने फोटोग्राफ पर नजर रखी तो हर बार वह पुरानी फोटो डालता। इससे शक पुख्ता हो गया।

दरअसल, नेमावर के इस परिवार के पांच सदस्य 13 मई से लापता थे। 17 मई को पीथमपुर में रहने वाली भारती पिता मोहनलाल कास्ते ने इनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तफ्तीश के दौरान पुलिस ने नेमावर के हुकुमसिंह चौहान के खेत में हाली का काम करने वाले एक शख्स से पूछताछ की तो उसने खेत में दफनाए शवों की जानकारी दी। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने हुकुमसिंह के 25 साल के पोते सुरेंद्रसिंह और उसके छोटे भाई भुरू को हिरासत में लिया। पुलिस की सख्ती के आगे दोनों टूट गए। अजाक्स नेता ने बताया परिवार कोरकू समाज से जुड़ा हुआ था।

13 मई को ही दे दिया था वारदात को अंजाम

पुलिस ने हुकुमसिंह के खेत से 45 वर्षीय ममताबाई कास्ते, 21 वर्षीय रूपाली कास्ते, 14 साल की दिव्या कास्ते, 15 साल की पूजा पुत्री रवि ओसवाल और 14 साल के पवन पुत्र रवि ओसवाल के शव बरामद किए। एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि जमीन के 8 से 10 फीट नीचे से शव बरामद हुए हैं। मामले में पुलिस ने सुरेंद्रसिंह, उसके 23 साल के भाई भुरू, सुरेंद्र के हाली और विवेक तिवारी नामक एक व्यक्ति को हिरासत में ले रखा है। सुरेंद्र के केसरिया हिन्दू संगठन के पदाधिकारी होने की बात भी सामने आ रही है।

रस्सी से सबका गला घोंटा, रॉड से सिर पर वार किया और गाड़ दिया

एसपी डॉ. शिवदयाल सिंह के मुताबिक सुरेंद्र और रूपाली का प्रेम प्रसंग था। इस बीच सुरेंद्र की शादी कहीं और तय हो गई, लेकिन रूपाली इसमें अड़चन बन रही थी। दोनों में विवाद भी हुआ था। रूपाली को रास्ते से हटाने के लिए सुरेंद्र ने ही हत्याकांड को अंजाम दिया। उसके खेत में ट्रांसफाॅर्मर लगाने के लिए गड्‌ढा खोदा गया था। 13 मई को पांचों की हत्या करने के बाद शव इसी में दफनाए गए। सुरेंद्र और उसके साथियों ने पहले रस्सी से सभी का गला दबाया और फिर रॉड से सिर पर वार किए, जिससे सभी की मौत हो गई।

यह बात भी सामने आ रही है कि सभी काे मारने के बाद आरोपी रूपाली के माेबाइल का लगातार उपयाेग करते रहे। उसके साेशल मीडिया अकाउंट से यह मैसेज डालते कि हम लाेग ठीक हैं, सुरक्षित हैं, हमें किसी प्रकार की परेशानी नहीं हैं। हालांकि पोस्ट डालते वक्त आरोपी रूपाली के पुराने फोटो का इस्तेमाल करते, जिससे पुलिस का शक यकीन में बदल गया।

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