ग्वालियर। ग्वालियर चंबल में आई बाढ़ के बाद करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए पुल बहने से लोक निर्माण विभाग के कामों की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं। इसे देखते हुए विभाग ने पांच सालों में बने पुलों के जर्जर होने और बहने के मामले को गंभीरता से लिया है। दतिया जिले में दो पुल ढहने के मामले में विभाग ने जांच कमेटी बनाकर सात दिन में रिपोर्ट मांगी है।

इस अंचल में बारिश के कारण बने बाढ़ हालातों के कारण जो पुल टूटने की जानकारी अभी सामने आई है, उसमें एनएच 3 का मुख्य मार्ग शामिल हैं जिसमें क्रेक आ गया है। इस कारण फिलहाल इस पर आवागमन रोक दिया गया है। इसके अलावा सिंध नदी पर बने रतनगड़ बसई मार्ग पुल, इंदरगढ़ पिछोर मार्ग पुल भी बह गए हैं। साथ ही सिंध नदी पर बना सनकुआ पुल, सेवढ़ा पुल और नरवर मोगरोनी ब्रिज टूटकर बह गए हैं। इन पुलों के टूटने से आवागमन बंद हो गया है। इनके  साथ ही जखमोली, बहादुरपुरा, मेंदहा पुल पर भी आवामगन बंद है। इसके अलावा हजारों किमी सड़क बारिश के कारण उखड़ गई है।

लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने दतिया जिले में हुई अतिवृष्टि के कारण रतनगढ़ बसई मलिक मार्ग में सिंध नदी पर बने पुल तथा इंदरगढ़ पिछोर मार्ग पर निर्मित पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने पर जांच के निर्देश दिए हैं। इसके लिए अधीक्षण यंत्री सेतु मण्डल एमपी सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति जांच कर सात दिन में अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी। समिति में कार्यपालन यंत्री सेतु संभाग-सागर पीएस पन्त तथा एसडीओ सेतु संभाग भोपाल अविनाश सोनी सदस्य बनाए गए हैं।

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