ग्वालियर । राजमाता स्व. विजयाराजे सिंधिया की 102वीं जयंती ग्वालियर-चंबल संभाग के निवासियों ने उन्हें श्रद्धाभाव के साथ याद किया। करवाचौथ एवं राजमाता की जयंती के अवसर पर यहाँ कटोराताल रोड स्थित अम्मा महाराज की छत्री पर राजमाता स्व. विजयाराजे सिंधिया को पुष्पांजलि एवं श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई। साथ ही संगीतमय भजन- कीर्तन से भी राजमाता को स्वरांजलि व आदरांजलि अर्पित की गई। राजमाता स्व. विजयाराजे सिंधिया हर प्रकार के संकट के समय ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के लोगों के बीच पहुँचकर दीन-दुखियों की संबल बनीं। इसलिए वे आज भी जन-जन के हृदय में बसीं हैं। उन्हें ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के निवासी लोकमाता के रूप में याद करते हैं।
इस अवसर पर राजमाता स्व. विजयाराजे सिंधिया की सुपत्री एवं राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया और मध्यप्रदेश की खेल व युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने अम्मा महाराज की छत्री पर पहुँचकर पुष्पांजलि अर्पित कर राजमाता स्व. विजयाराजे सिंधिया को नमन किया। श्रद्धांजलि सभा में पूज्य संत ढोली बुआ महाराज व संतोष गुरूजी सहित अन्य संतजन, प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार भारत सिंह कुशवाह, सांसदगण विवेक नारायण शेजवलकर, डॉ. के पी एस यादव व श्रीमती संध्या राय, पूर्व मंत्री श्रीमती माया सिंह, जयभान सिंह पवैया व बालेन्दु शुक्ला, भाजपा जिला अध्यक्ष शहर कमल माखीजानी व ग्रामीण कौशल शर्मा, साडा के पूर्व अध्यक्ष जय सिंह कुशवाह, वरिष्ठ जन प्रतिनिधि वेद प्रकाश शर्मा, पूर्व विधायक मदन कुशवाह, पूर्व महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता तथा देवेश शर्मा व प्रदीप जैन सहित अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधिगण और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक राजमाता को पुष्पांजलि अर्पित करने पहुँचे थे। प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने श्रद्धांजलि सभा में कहा कि राजमाता के व्यक्तित्व से मातृत्व छलकता था। वे शासकों के बीच उपासक बनकर रहीं। वे सांसारिक विकारों के बीच निर्विकार थीं। उन्होंने राजसुख छोड़कर प्रिय जनता के लिए अपना जीवन समर्पित किया। इसी लिए वे अम्मा महाराज कहलाईं। राजमाता का जीवन हम सभी के लिये प्रेरणा स्त्रोत है। राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार भारत सिंह कुशवाह ने अपने उदबोधन में जनता के प्रति राजमाता के वात्सल्य व स्नेह को रेखांकित किया। सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि राजमाता स्व. विजयाराजे सिंधिया विलक्षण व्यक्तित्व की धनी थीं। वे जैसा बोलती थीं उसी के अनुसार अपना आचरण भी करती थीं। पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि दौलत व सत्ता लक्ष्मी की तरह चंचला होती है। राजमाता इस बात को भली भाँति समझती थीं। उन्होंने सदैव जनता की सेवा को तपस्या माना। राजमाता भारतीय सामाजिक जीवन में एक महान हस्ती थीं। भाजपा शहर जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी ने कहा कि वे त्याग, सत्य, अहिंसा, करूणा व सेवाभाव से ओत-प्रोत थीं। इसीलिए वे राजमाता से लोकमाता कहलाईं। इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष ग्रामीण कौशल शर्मा, संत श्री ढोलीबुआ महाराज व संत श्री संतोष गुरू ने भी राजमाता के सम्मान में विचार व्यक्त किए।