जयपुर।   राजस्थान की बेटी रचना ढाका ने इंग्लैंड में कील यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट यूनियन के चुनाव में वाइस प्रेसिडेंट बन गई है। यह उपलब्धि पाने वाली वह पहली भारतीय छात्रा है। रचना ने पोस्ट ग्रेजुएट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पद का चुनाव जीता है। यहां की स्टूडेंट यूनियन ने उन्हें गोल्डन अवार्ड से नवाजा है। इस उपलब्धि से उनके गांव सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ में हर्ष का माहौल है। यूनिवर्सिटी से रचना क्रिमिनल जस्टिस में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही है। यहां वे वाइस प्रेसिडेंट बनी है। कील विश्वविद्यालय विश्व की टॉप यूनिवर्सिटीज में शुमार है। 1949 में स्टेफोर्डईशायर में बने कील विश्वविद्यालय को 1962 में यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला था।

घुमंतू जनजातियों के लिए किया काम
रचना सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ की बासनी बैराज गांव की रहने वाली है। वह लक्ष्मणगढ़ में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड एंबेसडर रही है और साथ ही टाटा इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर घुमंतू जनजातियों के लिए काम कर चुकी है। रचना ढाका सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ में पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी मोहिनी ढाका की बेटी है। उनके पिता वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करते हैं। रचना के बड़े भाई विकास जोधपुर में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के उप सचिव हैं और छोटे भाई विवेक लेफ्टिनेंट पद पर चयन के बाद प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

बड़े सपने देखो और बिंदास जीयो
रचना की सफलता का मूल मंत्र है। बड़े सपने देखो और जिंदगी को बिंदास जीयो। रचना के मुताबिक अपने सपनों में रंग भरने के लिए कल्पनाशील होना जरूरी है। मैंने अपनी लाइफ में यही किया है। जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए मेरे पिता ने मेरे सफर में पूरा सहयोग किया है।

छात्रों के अधिकारों के लिए लड़ेंगी
रचना ढाका रिफ्यूजी बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और उनकी शिक्षा पर काम करने के लिए अमेठी हब संस्था के प्रोजेक्ट से जुड़ी हुई थी। इस प्रोजेक्ट पर बेहतर काम करने के लिए उन्हें गोल्डन अवार्ड दिया गया था। कीव विश्वविद्यालय में वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर वहां के पीजी स्टूडेंट्स का रचना प्रतिनिधित्व करेंगी और उनके अधिकारों की रक्षा करेंगी। इसके साथ ही वह छात्रों की समस्याओं का हल भी करेंगी।