इंदौर। शहर में आवारा पशु का नाम लेकर गायों को बाहर करने के मामले में जैन मुनि विनम्रसागर महाराज ने कहा है कि अगर तुम गाय पालने की जवाबदारी लेते हो तो मैं एक गाय हर एक मंदिर को दूंगा। इससे गौवंश का पालन होगा और धार्मिक कार्यों के लिए गोबर-गोमूत्र भी मिलेगा। मुनिश्री विनम्रसागर महाराज ने मालवा मिल जीन में चल रही रामकथा के मंच से हिन्दू धर्म के प्रचार-प्रसार पर उन्होंने अपने उद्गार दिए। इसी दौरान उन्होंने कहा कि हमारे यहां कुत्ते पालने की इजाजत है, गाय पालने की नहीं? उनके इस बयान ने खूब सुखियां बंटोरी और बजरंग दल वाले उनका सम्मान करने भी जा पहुंचे।

कल वे मालवा मिल से निकलकर साउथ तुकोगंज के समवशरण मंदिर पहुंच गए। इसके पहले उन्होंने अग्निबाण प्रतिनिधि से अनौपचारिक चर्चा के दौरान कहा कि इस देश में गायों को पाला नहीं जा रहा है, उनका उपयोग करके छोड़ दिया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर मंदिरों में गाय पाली जाए तो लोगों को यहां उन्हें चारा खिलाने, अपने घर में धार्मिक आयोजन होने पर गोबर और गोमूत्र भी मिलेगा। अगर बजरंग दल या मंदिर वाले गाय को पालने और उसे आवारा नहीं छोडऩे का आश्वासन देते हैं तो ऐसे लोगों को मैं अपनी तरफ से एक गाय दूंगा। हमारे पास पूरे देश में 273 गौशाला हैं, जहां करीब सवा पांच लाख गायें हैं। इससे कई फायदे होंगे और गौवंश भी सुरक्षित रहेगा।