नई दिल्ली । नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन जोर पकड़े पहलवानों के प्रोटेस्ट को तोड़ने के लिए पुलिस ने जमकर बल प्रयोग किया। महापंचायत के लिए विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस ने उस वक्त गिरफ्तार कर लिया, जब वे सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ रहे थे। पुलिस ने कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए एक्शन में लिया, लेकिन पुलिस के तरीके पर सवाल उठ रहे हैं। महिला पहलवानों को घसीटकर पुलिस बस में ले जाया गया। इस दौरान महिला पुलिस का रवैया बिल्कुल भी मानवीय नहीं लग रहा था।
पुलिस ने जबरदस्त बसों में भरा
तस्वीरों में देखा जा सकता है कि महिला पहलवानों को जबरदस्ती बसों में बैठाकर अज्ञात स्थल पर भेज दिया गया। पुलिस ने इसके बाद पहलवानों के अन्य सामान के साथ चारपाई, गद्दे, कूलर, पंखे और तिरपाल की छत को हटा दिया।
अफरा-तफरी और धक्का-मुक्की
देश की शान पहलवानों ने 23 अप्रैल को भारतीय रेसलिंग असोसिएशन (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था। जंतर-मंतर पर अफरातफरी के बीच पहलवानों और पुलिस अधिकारियों ने एक-दूसरे को धक्का दिया। विनेश फोगाट और उनकी बहन संगीता फोगाट ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की।
संगीता और विनेश का संघर्ष
विनेश ने हिरासत में लिए जाने के प्रयास के दौरान कड़ा संघर्ष किया और संगीता उनसे लिपट कर सड़क पर लेट गईं। हालांकि, पुलिस ने पहलवानों और उनके समार्थकों को घसीटते हुए घसीटते हुए बसों में बैठा दिया।
हर कोई दंग, सोशल मीडिया पर उठ रहे सवाल
ये तस्वीरें ऐसी हैं, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। आखिरी देश की शान पहलवानों के साथ ऐसा व्यवहार कैसे किया जा सकता है। इस पर लोग सोशल मीडिया पर सवाल उठा रहे हैं।
महापंचायत करना चाहते थे पहलवान
असोसिएशन के चीफ के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवानों ने कहा था कि वे किसी भी कीमत पर नए संसद भवन के पास अपनी ‘महापंचायत’ करेंगे। दूसरी ओर, पुलिस का कहना था कि किसी भी प्रदर्शनकारी को नए भवन की ओर नहीं जाने दिया जाएगा।