भोपाल: 2018 में यूपी कांग्रेस की प्रभारी महासचिव बनीं प्रियंका गांधी हिमाचल, कर्नाटक के बाद अब मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रचार अभियान का आग़ाज़ करने जा रहीं है. माना जा रहा है कि, आने वाले वक्त में प्रियंका यूपी कांग्रेस प्रभारी की ज़िम्मेदारी से मुक्त होकर राष्ट्रीय भूमिका में ही नज़र आएंगी. 2018 में यूपी कांग्रेस की प्रभारी महासचिव बनीं प्रियंका गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव और 2022 के विधानसभा चुनावों में कोई कमाल नहीं दिखा सकीं.
सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद ही प्रियंका ने यूपी कांग्रेस प्रभारी की ज़िम्मेदारी को सीमित करते हुए हिमाचल और कर्नाटक जैसे राज्यों के प्रचार में कदम रखा और कांग्रेस को सफलता दिलाई.
ऐसे में माना जा रहा है कि, पार्टी अध्यक्ष खरगे की नई टीम के गठन में प्रियंका यूपी कांग्रेस प्रभारी की बजाय राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका में होंगी. हिमाचल, कर्नाटक के बाद अब 12 जून को मध्य प्रदेश के जबलपुर में कांग्रेस के प्रचार अभियान की शुरुआत प्रियंका के कंधों पर रखकर इसके संकेत भी दिए जा रहे हैं.
2 जून को प्रियंका MP में प्रचार अभियान की करेंगी शुरुआत
दरअसल, कांग्रेस को लगता है कि, तत्कालीन सियासी माहौल और संगठन की बुरी हालत के चलते प्रियंका यूपी में भले ही सफल नहीं रहीं, लेकिन उनका बड़ा कद और बदले सियासी माहौल में उनका इस्तेमाल पूरे देश में फायदेमंद ही रहेगा. वैसे गुजरात, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस का देरी से हुआ गलत टिकट बंटवारा, प्रचार में सभी नेताओं का पूरी ताकत नहीं झोंकना, ढीला मैनेजमेंट, गुटबाज़ी थामने में नाकामयाबी ने उसको चारों खाने चित्त कर दिया.
ऐसे में हिमाचल के बाद कर्नाटक में उसने अपने कील-कांटे दुरुस्त किये और बीजेपी को पटखनी दे दी. इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश में कांग्रेस समय रहते सारे काम कर लेना चाहती है. इसी मुहिम के तहत दिग्विजय-कमलनाथ की जोड़ी राहुल के विदेश में रहने के चलते इंतज़ार करने के बजाय प्रियंका से ही प्रचार अभियान की शुरुआत करा रही है, जिससे माहौल बनना पहले ही शुरू हो जाये, फिर बाद में राहुल, खरगे भी प्रचार मुहिम को धार दें.
अब कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती कांग्रेस
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी का कहना है कि, प्रियंका जी को आप यूपी तक सीमित नहीं रख सकते, वो हमारी प्रभारी हैं, लेकिन देशभर में वो प्रचार कर रही हैं, उनका राष्ट्रीय व्यक्तित्व है.
कर्नाटक जीत से उत्साहित कांग्रेस अब मैनेजमेंट, प्रचार अभियान में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती, आखिर 2024 से पहले राज्यों के विधानसभा चुनाव जीतकर वो बड़ी लड़ाई के लिए दमखम के साथ तैयार होना चाहती है.