भोपाल।  राजधानी भोपाल में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वैष्णों अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। वैष्णों हॉस्पिटल पर आयुष्मान कार्ड के जरिए लोगों का फर्जी इलाज करने के आरोप लगे थे। बता दे कुछ दिन पहले हॉस्पिटल पर स्वास्थ्य विभाग ने छापामार कार्रवाई की थी। जिसमें गड़बड़ियां सामने आई थी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा यह कार्रवाई की गई। आयुष्मान योजना के सीईओ अनुराग चौधरी ने भोपाल क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने इस अस्पताल के मालिक विवेक परिहार के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर जांच की थी। जांच में फर्जी मरीजों के नाम से बिल लगाकर सरकार से फर्जीतौर पर करोड़ों रुपये प्राप्त करने का खुलासा हुआ था। इसके बाद पुलिस ने विवेक परिहार पर कार्रवाई की और अस्पताल का लाइसेंस करने के लिए अनुशंसा की गई थी। जिसके बाद सीएमएचओ कार्यालय द्वारा गुरुवार को अस्पताल का लायसेंस निरस्त कर दिया गया है।

बता दे भोपाल में आयुष्मान योजना में इम्पैनल प्राइवेट अस्पताल में चल रहे फर्जीवाड़े को पकड़ने के लिए स्टेट हेल्थ एजेंसी की अलग-अलग 20 टीमों ने भोपाल के करीब 45 से ज्यादा अस्पतालों पर छापेमार कार्रवाई की थी। SHA द्वारा बनाई गई डॉक्टरों की टीम ने करीब 18 अस्पतालों में फर्जीवाड़ा पकड़ा था। इधर आयुष्मान ने निरामय सोसाइटी ने अन्य 18 अस्पतालों पर कार्य करने की तैयारी कर ली है। जानकारी के मुताबिक फिलहाल सभी अस्पतालों की जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है। रिपोर्ट तैयार होते ही इन अस्पतालों को नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी। सीएम शिवराज स्वास्थ्य मंत्री के सामने हुए थे नाराज मंत्रालय में आयोजित बैठक में शिव शिवराज ने आयुष्मान योजना में हो रहे फर्जीवाड़े को लेकर नाराजगी जताई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि आयुष्मान भारत योजना में किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं होगा। योजना में बेहतर कार्य करें, जिससे मरीजों को उपचार कराने में कोई असुविधा नहीं हो। उन्होंने कहा कि योजना में फर्जीवाड़ा करने वालों को जेल भेजने की कार्रवाई होनी चाहिए।