शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व आज से शुरू हो गया है जो कि 5 अक्टूबर को समाप्त होगा। इस दौरान 9 दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की उपासना की जाती है। नवरात्रि के दिनों में कुछ भक्त उपवास भी रखते हैं जहां कुछ लोग दो दिन का और कुछ लोग पूरे 9 दिन तक का व्रत रखते हैं। इस दौरान गर्भवती महिलाएं भी मां दुर्गा की उपासना करते हुए व्रत रखती हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाएं अगर नवरात्रि का व्रत  रख रही हैं तो उन्हें अपनी सेहत के साथ साथ गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत का भी खास ध्यान रखना चाहिए। वैसे तो डॉक्टर भी गर्भवती   महिलाओं को व्रत-उपवास न रखने की सलाह देते हैं फिर भी अगर आप नवरात्रि  में व्रत रख रही हैं तो इन खास बातों का ध्यान जरूर रखें।

सबसे पहले डॉक्टर से लें सलाह

गर्भवती महिलाओं को नवरात्रि में पूरे 9 दिन व्रत रखने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे उनके गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर असर पड़ सकता है। इसलिए नवरात्रि में व्रत रखने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। डॉक्टर की सलाह के बाद आप महाअष्टमी या नवमी में से किसी एक दिन फलाहार के साथ उपवास रख सकती हैं।

गर्भवती महिलाओं को नहीं रखना चाहिए निर्जला व्रत 

गर्भवती महिलाओं को निर्जला व्रत रखने से परहेज करना चाहिए। इससे शरीर मे कमजोरी होती है, साथ ही इसकी वजह से डिहाईड्रेशन की समस्या पैदा होती है। जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

व्रत में जरूर करें फलाहार 

अगर आप व्रत रखना चाहती हैं तो महाअष्टमी या नवमी में से किसी एक दिन व्रत रखें। व्रत के दौरान फलाहार जरूर करें. व्रत में हर 2 घंटे के भीतर फ्रूट या जूस का सेवन करें इसके अलावा व्रत के दौरान आप नमकीन चीजों का सेवन भी कर सकती हैं।

ऐसी स्थिति में बिल्कुल भी न रखें व्रत 

अगर आपको गर्भावस्था के दौरान थकान, सिर दर्द, हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज जैसी समस्या हो रही है, तो इस स्थिति में उपवास न रखें।  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि आप सच्ची श्रद्धा से फलाहार या भोजन के उपरांत भी देवी की पूजा करेंगी तो आपको इसका फल जरूर मिलेगा।

अगर सब कुछ सामान्य है और आप व्रत रख रही हैं, तो भी ये सावधानियां बरतनी चाहिए

– निर्जला उपवास नहीं रखना चाहिए. पानी मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत जरूरी है। अगर फिर भी ऐसा करती हैं तो इस बात पर हमेशा ध्यान रखिए कि कहीं डिहाइड्रेशन के लक्षण तो नहीं बन रहे हैं।

-निर्जला उपवास रखने पर नारियल पानी, दूध व जूस जैसे पेय पदार्थ लें. फल, सब्जी, जूस से शरीर में पानी की जरूरत भी पूरी होती है और पोषक तत्व भी मिल जाते हैं।

– उपवास में कॉफी या चाय का सेवन न करें या फिर कम से कम करें। अगर मौसम काफी गर्म या उमस भरा हो तो घर के अंदर ही रहें।

– उपवास के दौरान व्यायाम या कोई भारी काम मत करें।

– व्रत तोड़ने के दौरान शुरू में एक ग्लास जूस या नारियल पानी पीएं। इसके बाद कुछ हल्का खाना खाएं।

– व्रत के दौरान गर्भ में भ्रूण की हलचल पर नजर रखें और समय-समय पर चिकित्सीय जांच कराती रहें।