नई दिल्ली। कोयले की कमी के चलते राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में अभूतपूर्व बिजली संकट दस्तक दे रहा है। दिल्ली में तो उत्तर और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में बिजली की आपूर्ति करने वाली टाटा पावर ने उपभोक्ताओं को बकायदा दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक कटौती की स्थिति में संयम बरतने को कहा है। उत्तर प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, बिहार समेत कई अन्य राज्यों में मांग की तुलना में आपूर्ति में भारी अंतर से कई-कई घंटे बिजली कटौती हो रही है। ऊर्जा विकास निगम के आंकड़ों के मुताबिक राज्यों में मांग के मुकाबले काफी कम बिजली सेंट्रल पूल से मिल रही है। नेशनल पावर एक्सचेंज में भी बिजली की किल्लत है। अगर आंकड़ों की भाषा में बात करें तो समग्र भारत में लगभग 10 हजार मेगावाट बिजली की कमी बताई है। 

  राजधानी दिल्ली में तो बिजली आपूर्ति करने वाली तीनों बिजली कंपनियों बीएसआईएस राजधानी, बीएसईएस यमुना और टीपीडीडीएल के अधिकारी उर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ बैठक कर रहे हैं। त्योहारी सीजन में बिजली कटौती से लोगों में भारी रोष है। कोरोना महामारी से उबर रही भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में कोरोना लॉकडाउन में ढील से तेजी आई है। ऐसे में उद्योग-धंधे शुरू होने से बिजली की खपत भी बढ़ी है। इस क्रम में बिजली की मांग 2019 के मुकाबले पिछले दो महीनों में 17 प्रतिशत बढ़ गई है। इस बीच पूरी दुनिया में कोयले के दाम बढ़ गए हैं और भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला आयातक है। इस परिप्रेक्ष्य में देखें तो उसका कोयला आयात दो साल के न्‍यूनतम स्‍तर पर है। आयात घटने से जो प्‍लांट विदेशी कोयले से चलते थे, वे भी देश में उत्‍पादित कोयले से चलने 

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