गोरखपुर।  पुलिस की पिटाई से हुई कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत का मामला अब ज़ोर पकड़ता जा रहा है। एक तरफ पुलिस इस मामले की  लीपापोती करने की कोशिश कर रही है, तो वहीँ मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उसकी झूठी कहानी का कच्चा चिटठा खोल कर रख दिया है । पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि मनीष के सिर, चेहरे और शरीर पर गंभीर चोट के निशान हैं। मनीष के सिर के अगले हिस्से पर तेज़ी से वार  किया गया, जिससे उनके नाक के पास से खून बह रहा था। हालांकि, पुलिस ने घटना के बाद अपने पहले बयान में इसे हादसे में हुई मौत बताया था।

  पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अपराधियों की चेकिंग के दौरान थाना रामगढ़ताल की पुलिस एक होटल में गई, वहां पर एक कमरे में तीन संदिग्ध युवक अलग-अलग शहर से आए थे। इस सूचना पर पुलिस होटल मैनेजर को साथ में लेकर कमरे की चेकिंग करने गई, जहां पर हड़बड़ाहट में एक युवक की कमरे में गिरने से उसे चोट आ गई, इसके बाद पुलिस ने तुरंत ही युवक को अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मनीष गुप्ता का अंतिम संस्कार मौत के 53 घंटे बाद गुरुवार सुबह हुआ। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने को अड़े पीड़ित परिजन मनीष का अंतिम संस्कार नहीं कर रहे थे। कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण समेत कई आला अधिकारी मनीष के घर पहुंचे और उनकी पत्नी से बात करी । इस दौरान असीम अरुण ने कहा कि गुरुवार को परिवार की सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कराई जाएगी, जिसके बाद पीड़ित परिजनों मनीष के अंतिम संस्कार के लिए मान गए।

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