भोपाल । भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम गुरुवार शाम से लागू हो गया है। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि दोनों शहरों में नई पुलिस व्यवस्था की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
भोपाल-इंदौर में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी आयुक्त होंगे। इसके आदेश एक-दो दिन में जारी किए जाएंगे। भोपाल में 38 और इंदौर में 36 थाने पुलिस कमिश्नर के दायरे में आएंगे। कमिश्नर के अंडर में दो एसीपी के बाद दोनों शहरों में आठ-आठ एसपी लेवल के अफसर भी रहेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और डीजीपी विवेक जौहरी के साथ प्रस्तावित ड्राफ्ट मंत्रालय में 1 दिसंंबर को बैठक की। करीब आधे घंटे चली बैठक में दोनों अफसरों ने नए सिस्टम के ड्राफ्ट में किए प्रावधानों की सिलसिलेवार जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्राफ्ट को फाइनल करने के लिए एक बैठक और की जाएगी, ताकि कमी या खामी ना रह जाए। अब गुरुवार को मुख्यमंत्री ने ड्राफ्ट को मंजूरी दी। उसके बाद अधिसूचना जारी की गई।
पीएम के सामने होगा प्रेजेंटेशन
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री 13 दिसंबर को बनारस जाएंगे। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक लेंगे। इसमें राज्यों के नवाचार व विकास के कामों का प्रेजेंटेशन होगा। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले माह लखनऊ में पुलिस अफसरों की बैठक में कमिश्नर सिस्टम को लेकर तरीफ की थी। माना जा रहा है कि मप्र के प्रेजेंटेशन में पुलिस कमिश्नर सिस्टम को भी शामिल करेंगे। बता दें कि भोपाल के 32 थाने और इंदौर के 34 थाना क्षेत्रों में यह पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की तैयारी है। गृह विभाग ने दंड संहिता की धारा 107/16, 144,133, पुलिस एक्ट, मोटर व्हीकल अधिनियम, राज्य सुरक्षा अधिनियम, शासकीय गोपनीयता, अनैतिक देह व्यापार, राज्य सुरक्षा जिला, किडनैप आदि के अधिकार पुलिस को देने का प्रस्ताव तैयार किया है।
40 साल से चल रही थी कवायद
दोनों शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने का 40 साल में यह 6वां प्रयास है। पहली बार 1981 में इस सिस्टम को लागू करने की पहल हुई थी।
मुंबई की तर्ज पर क्राइम ब्रांच
भोपाल-इंदौर में मुंबई की तर्ज पर क्राइम ब्रांच, ट्रैफिक के लिए अलग-अलग डीसीपी नियुक्ति होंगे। इनके अधीन दो-दो एसपी स्तर के अधिकारी तैनात रहेंगे। क्राइम ब्रांच को संगीन अपराधों की विवेचना, छानबीन का काम सौंपा जाएगा। इसी तरह, शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने का जिम्मा ट्रैफिक डीसीपी के पास रहेगा।
नगर निगम सीमा के सभी थाने शामिल होंगे
बता दें कि गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पूर्व में बताया था कि दोनों शहरों के नगर निगम सीमा में आने वाले थाने इसमें शामिल होंगे। देहात के थाने नहीं रहेंगे, लेकिन देहात के जिन थानों में शहरी क्षेत्र आता है, उन्हें शामिल किया जाएगा। दोनों जिलों में अलग-अलग पुलिस आयुक्त रहेंगे। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त स्तर के तीन-तीन, उपायुक्त स्तर के 8 अधिकारी, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त स्तर के 12, सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के 28 अधिकारी पदस्थ किए जाएंगे।
पुलिस कमिश्नर प्रणाली में पुलिस को मिलेंगे ये अधिकार
– कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस खुद धारा 144 व कफ्र्यू लगा सकेगी।
– शांति भंग होने की आशंका के तहत पुलिस किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर 14 दिनों तक जेल भेज सकती है।
– पुलिस के पास प्रतिबंधित कर्रवाई करने का अधिकार होगा।
– जेल से जुड़े निर्णय लेने का अधिकार भी पुलिस के पास होगा।
– राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने का अधिकार पुलिस को होगा। एनएसए के के साथ ही 15 अन्य अधिनियम के तहत भी कार्रवाई का अधिकार पुलिस को मिल जाएगा।
– गुंडा एक्ट व गैंगस्टर एक्ट, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के मामलों में पुलिस सीधे कार्रवाई कर पाएगी।
– गिरोह बंद अपराध और समाज विरोधी कामों के मामलों में भी पुलिस सीधे कार्रवाई कर पाएगी।
– सरकारी गोपनीयता भंग करने वालों पर भी पुलिस सीधे कार्रवाई कर पाएगी।
– धरना-प्रदर्शन की अनुमति भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद पुलिस से ही लेनी होगी।
– लाठीचार्ज की अनुमति पुलिस को कलेक्टर से नहीं लेनी पड़ेगी।
– प्रतिबंधात्मक धाराओं गिरफ्तार आरोपियों की जमानत पुलिस कोर्ट से होगी।
– जिलाबदर भी पुलिस अफसर ही तय करेंगे।