मुरैना । मध्य प्रदेश में मुरैना के लेपा गांव में शुक्रवार को 6 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस वारदात को पुरानी रंजिश के चलते अंजाम दिया गया था. अब इस मामले में पुलिस ने अपने ही बेटे के हाथों कत्ल करवाने वाली महिला का अरेस्ट कर लिया है. इस पर दस हजार रुपये का इमान घोषित था. यह वही महिला है जो अपने बेटे को बता रही थी कि किस-किस को गोली मारनी है.
दरअसल, शुक्रवार को लेपा गांव में एक ही परिवार के 8 लोगों को गोली मारी गई थी. इसमें अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. जिनमें 3 लोगों की मौत मौके पर ही हो गई थी, जबकि 3 महिलाओं की मौत अस्पताल में हुई थी. इस सनसनीखेज वारदात का एक वीडियो भी सामने आया था.
पुष्पा बेटे को बता रही थी कि किसे गोली मारनी है
इसमें अजीत नाम का युवक एक-एक करके लोगों को गोली मार रहा था. अजीत के पास हरी साड़ी पहनकर खड़ी उसकी मां पुष्पा देवी अपने बेटे को बता रही थी कि अब किसे गोली मारनी है. पुलिस ने इस मामले में कुल 9 आरोपी बनाए थे. इसमें से धीर सिंह और रज्जो देवी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था.
पुलिस ने आरोपियों पर इनाम की राशि बढ़ाई
मामले में फरार चल रहे अन्य सभी आरोपियों (the accused) पर मुरैना पुलिस ने 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. एडिशनल एसपी राय सिंह नरवरिया (Additional SP Rai Singh Narwariya) ने बताया कि दस हजार की इनामी महिला आरोपी पुष्पा देवी को भी गिरफ्तार कर लिया है. अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है. बचे हुए सभी आरोपियों पर इनाम की राशि बढ़ाकर 30-30 हजार रुपये कर दी गई है. जल्दी सभी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. एडिशनल एसपी ने ये भी बताया कि एफआईआर में 9 आरोपी बनाए गए थे. विवेचना के दौरान एक आरोपी का और इजाफा हुआ है.
ये है हत्याकांड के पीछे की वजह
यह पूरा मामला पुरानी रंजिश से जुड़ा है. दरअसल, साल 2013 में लेपा गांव में रहने वाले धीर सिंह और गजेंद्र सिंह के परिवार के बीच एक स्थान पर कचरा डालने को लेकर विवाद हो गया था. जो कि इतना बढ़ गया कि धीर सिंह के परिवार के सोबरन और वीरभान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
वीरेंद्र ने 18 महीने सजा काटी
इसके बाद गजेंद्र अपने बेटे वीरेंद्र समेत पूरे परिवार के साथ गांव छोड़कर चला गया था और अहमदाबाद (Ahmedabad) में रहने लगा था. पुलिस ने इस मामले के आरोपी वीरेंद्र को गिरफ्तार भी कर लिया था. मामला कोर्ट में चला. वीरेंद्र ने 18 महीने जेल में सजा काटी और फिर रिहा हो गया. गजेंद्र ने धीर सिंह के परिवार से समझौते की पेशकश की. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच सुलह भी हो गई.
सुलह के बाद गांव पहुंचा था परिवार
सुलह के बाद गजेंद्र और वीरेंद्र परिवार को साथ लेकर शुक्रवार को गांव पहुंचे थे. तभी धीर सिंह के परिवार के सदस्यों ने गजेंद्र और उनके परिजनों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दीं. इस दौरान एक-एक कर गजेंद्र के परिवार के लोगों को गोली मारी गई.
इसमें से 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. दो अन्य घायलों को ग्वालियर रेफर किया गया. इस वारदात के बाद एसपी रायसिंह नरवरिया ने बताया था कि दोनों परिवारों के बीच पुरानी अदावत थी. साल 2013 में कूड़ा डालने को लेकर विवाद हुआ था. इसके बाद समझौता हो गया था.